शिवम दुबे की पीठ की अकड़न से रणजी ट्रॉफी ओपनिंग से बाहर, शार्दुल ठाकुर ने संभाली कप्तानी

शिवम दुबे की पीठ की अकड़न से रणजी ट्रॉफी ओपनिंग से बाहर, शार्दुल ठाकुर ने संभाली कप्तानी
15 अक्तूबर 2025 Sanjana Sharma

जब शिवम दुबे, ऑलराउंडर भारत ने शेर‑ए‑कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम, जम्मू में शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी 2025-26शेर‑ए‑कश्मीर स्टेडियम के ओपनिंग मैच से बाहर होने का निर्णय सुना, तो मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने तुरंत आधिकारिक बयान जारी किया। दुबे की पीठ में अकड़न, जो ठंडे शिमला‑शहर की रातों से प्रभावित थी, ने टीम के मैनेजमेंट को उनके वर्क‑लोड को फिर से देखना पड़ा।

पृष्ठभूमि और प्रारम्भिक जानकारी

शिवम दुबे ने 2025 के एशिया कप में देश के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया था। फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ सिर्फ तीन ओवरों में 23 रन देकर, और फिर 22 गेंदों पर 33 रनों की पारी लिखकर भारत को रोमांचक जीत दिलाई थी। प्रथम श्रेणी में उनका औसत 44.02 और 1541 रन व 58 विकेट के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि वह सिर्फ एक गेंदबाज़ नहीं, बल्कि टीम के भरोसेमंद ऑलराउंडर हैं।

मुंबई टीम में उनके योगदान को अक्सर कप्तान सूर्यकुमार यादव ने "खास बेस्ट प्लेयर" के रूप में उल्लेख किया है। इस साल के रणजी ट्रॉफी में उनके बिना भी टीम को आगे बढ़ने का दबाव बढ़ गया, क्योंकि उनका आक्रमणात्मक बल्लेबाजी और मध्य ओवरों की गेंदबाज़ी दोनों ही मूल्यवान थी।

दुबे की चोट और निर्णय

शिवम दुबे ने 14 अक्टूबर 2025 को शाम को श्रीनगर से मुंबई वापसी की। मूड में हल्का बदलाव था, क्योंकि बर्फ़ीले मौसम ने उनके पीठ में खिंचाव पैदा कर दिया था। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "वह टीम के साथ गए थे, लेकिन ठंड के कारण उनकी पीठ में अकड़न हो गई। मेडिकल टीम ने आराम करने की सलाह दी, इसलिए वह मंगलवार को मुंबई वापस आ गए।"

टीम मैनेजमेंट ने तुरंत फैसला किया कि दुबे को अगले दो हफ़्तों के लिए आराम देना बेहतर रहेगा, ताकि वह 23 अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाली ऑस्ट्रेलिया की टी‑20 श्रृंखला में पूरी ताकत के साथ खेल सकें। यह निर्णय बात‑बात में विवाद नहीं बना, क्योंकि सभी को पता था कि दुबे का अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर पहले से ही तंग है।

शार्दुल ठाकुर की कप्तानी और टीम की प्रतिक्रिया

शार्दुल ठाकुर की कप्तानी और टीम की प्रतिक्रिया

दुबे की अनुपस्थिति में, शार्दुल ठाकुर ने मुंबई की कप्तानी संभाली। उन्होंने बताया, "हमारी योजना वही रहेगी, बस हमें थोड़ा अडजस्ट करना पड़ेगा। टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका मिलेगा और हम अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ेंगे।"

मंच पर बचे खिलाड़ियों ने भी भरोसा जताया। स्पिनर अभिषेक पांडे ने कहा, "शिवम का बगैर भी हमें जीतना है, इसलिए हम उसके मसल्स से प्रेरणा लेंगे।" कई वरिष्ठ खिलाड़ी, जैसे मध्यक्रमी अजय शेखर, ने टीम के भीतर माहौल को सकारात्मक बनाए रखने की बात की।

आगामी अंतरराष्ट्रीय दायित्व और वर्क‑लोड मैनेजमेंट

ऑस्ट्रेलिया की टूर का पहला मैच 23 अक्टूबर को होगा, और कुल पाँच टी‑20 मैच खेलेंगे। भारत का पहला जत्था 19 अक्टूबर से वनडे श्रृंखला खेलेगा, फिर टूर के मुख्य भाग में यूरोपीय सीज़न का सामना करेगा। इस बीच, भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने दुबे को टी‑20 स्क्वाड में पुश किया है, क्योंकि उनका फॉर्म अभी भी "गौरतम" माना जाता है।

  • 29 अक्टूबर से शुरू होने वाली टी‑20 सीरीज के पहले दो मैच दिल्ली में, बाद में मुंबई में।
  • दुबे को हल्के ट्रैनिंग सत्रों के माध्यम से फिटनेस बनाए रखने की सलाह दी गई।
  • क्लॉकिंग को ध्यान में रखते हुए, बीसीसीआई ने सभी प्रमुख खिलाड़ियों के लिए "कंडीशनिंग बफ़र" रखा है।

दुबे का फिटनेस प्रोटोकॉल एक वैकल्पिक डॉक्टरी सलाह पर भी आधारित है, जिसमें फिजियोथेरेपी, हल्के स्ट्रेचिंग और पोषण सपोर्ट शामिल है। इस तरह उनकी वापसी को न्यूनतम जोखिम के साथ सुनिश्चित किया जा रहा है।

संभावित प्रभाव और भविष्य की दृष्टि

संभावित प्रभाव और भविष्य की दृष्टि

मुंबई टीम को पहले मैच में अपने प्रमुख ऑलराउंडर के बिना खेलना पड़ेगा, जिससे बॉलर रोल में बदलाव देखने को मिल सकता है। शार्दुल ठाकुर के पास विकल्पों की एक छोटी रेंज है, परंतु यह मौके पर युवा गेंदबाज़ों को चमकने का अच्छा अवसर भी बन सकता है।

दुबे की चोट ने भारतीय क्रिकेट में वर्क‑लोड प्रबंधन की चर्चा फिर से गरमाई है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि "आधुनिक क्रिकेट में खिलाड़ी की शारीरिक सीमाओं को समझना, जीत की कुंजी बन गया है"। अगर दुबे अपनी फिटनेस को सही समय पर बहाल कर लेते हैं, तो ऑस्ट्रेलिया में भारत को विकेट‑टेकिंग में बड़ा फायदा मिल सकता है।

संक्षेप में, यह निर्णय दोनों टीमों के लिए दोनों पक्षों में फायदेमंद दिखता है: मुंबई को तत्काल चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जबकि दुबे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकने का पूरा समय मिलेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शिवम दुबे कब पूरी तरह ठीक होकर लौटेंगे?

दुबे की चिकित्सा टीम ने कहा है कि उन्हें कम से कम पाँच दिनों का आराम चाहिए। इसलिए वह 23 अक्टूबर से शुरू होने वाली ऑस्ट्रेलिया की टी‑20 श्रृंखला में पूरी ताकत के साथ भाग ले सकेंगे।

मुंबई टीम पर शार्दुल ठाकुर की कप्तानी का क्या असर पड़ेगा?

शार्दुल ने टीम को बताया है कि वे युवा गेंदबाज़ों को अधिक ओवर देंगे और फील्डिंग में तेज़ी लाएंगे। इस बदलाव से टीम का बॉल‑ऑर्डर थोड़ा लचीला होगा, परंतु जीत की संभावना बनी रहेगी।

बीसीसीआई ने इस चोट को लेकर क्या नई नीति अपनाई है?

बीसीसीआई ने सभी प्रमुख खिलाड़ियों के लिए सख्त वर्क‑लोड मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। अब हर खिलाड़ी को व्यक्तिगत फिटनेस रिपोर्ट के आधार पर मैच चयन किया जाएगा, जिससे ऐसी परिस्थितियों से बचा जा सके।

रणजी ट्रॉफी के बाकी मैचों में मुंबई की स्थिति क्या होगी?

शिवम के लौटने तक मुंबई को एक-एक करके युवा बॉलर्स को जिम्मेदारी देनी पड़ेगी। यदि वे इस चरण को बिना बड़े नुकसान के पार कर लेते हैं, तो दुबे की वापसी से टीम को एक बड़ी बूस्ट मिलेगी।

शिवम दुबे रणजी ट्रॉफी मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन शार्दुल ठाकुर BCCI
Sanjana Sharma

द्वारा Sanjana Sharma

10 टिप्पणि

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    Ayush Sanu

    अक्तूबर 15, 2025 AT 23:22

    शिवम दुबे का पीठ में अकड़न टीम की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। मैनेजमेंट का प्राथमिकता को देखते हुए उनका आराम उचित है।

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    Mukesh Yadav

    अक्तूबर 17, 2025 AT 14:20

    ये सब बीसीसीआई की साजिश है, दुबे को बाहर करके स्थानीय खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं। भारत को जीत के लिए हर दिखावा छोड़ना पड़ेगा!

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    Yogitha Priya

    अक्तूबर 19, 2025 AT 08:00

    खिलाड़ियों की स्वास्थ्य को लेकर अंधाधुंध फैसले लेना बर्दाशत नहीं। अगर कोई चोट को लेकर छुपा रहा है तो इस पर सवाल उठाना चाहिए।

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    Rajesh kumar

    अक्तूबर 21, 2025 AT 01:40

    शार्दुल ठाकुर का कप्तान बनना सिर्फ एक मौका नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है। वह पूरी जिम्मेदारी समझता है और इस बात को लेकर कोई समझौता नहीं करता कि भारतीय टीम को कैसे खेलना चाहिए। मुंबई के मैदान में आज का मौसम भी हमारे पक्ष में है, हल्की ठंडी हवा गेंदबाज़ों को फायदेमंद है। दुबे की अनुपस्थिति में युवा खिलाड़ी अब अपनी क्षमता दिखाने का सही समय पा रहे हैं। हर गेंद पर दबाव डालना, तेज़ फील्डिंग करना और निरंतर ऊर्जा देना हमारे कोचिंग स्टाफ की प्राथमिकता है। अगर हम ध्यान से प्लानिंग करें तो इस सीरीज में भारत का जीतना निश्चित है। बाहर के टीमों ने भी देखा है कि हमारे पास बैट्समैन से लेकर स्पिनर तक सब कुछ है। अभी तक के आँकड़े दिखाते हैं कि हमारे बॉलर्स ने रेंज को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी। ट्रेनिंग सत्रों में शारीरिक फिटनेस को शीर्ष पर रखने की इसेज़ नहीं होनी चाहिए। पूरा देश इस बात पर नज़र रखेगा कि हमारा कप्तान कैसे निर्णय लेता है। हर फैंस का दिल यह उम्मीद रखता है कि हम एकजुट रहें और विरोधियों को हराएँ। विपक्षी टीम की रणनीति को तोड़ना अब हमारी प्राथमिकता बन गया है। मोहम्मद शब्बीर जैसे युवा को मौका मिलना चाहिए, वह एक दिन हमारी तेज़ गेंदों का सितारा बन सकता है। फ़ैक्ट्री में टीम की मनोवृत्ति को बढ़ावा देना भी एक बड़ा काम है। इसलिए शार्दुल ने कहा है कि फील्डिंग में तेज़ी और बॉलिंग में विविधता लाने की योजना है। आखिरकार, जब सब मिलकर एक लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो जीत स्वाभाविक रूप से आती है।

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    One You tea

    अक्तूबर 22, 2025 AT 19:20

    भई, इस सब में राजनीति का तड़का लगाना तो बनता है। दुबे के चोट को लेकर सारा सिस्टम देखता है कि हम किसे आगे बढ़ा रहे हैं। एक तरफ़ एलीट लोग खुद को समझते हैं, तो दूसरी तरफ़ आम लोग फूटते हैं। इस मौके को जनता के लिए सही दिशा में ले चलो ना।

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    Hemakul Pioneers

    अक्तूबर 24, 2025 AT 13:00

    क्राईसिस में टीम को शांती की जरूरत है, क्योंकि मन का संतुलन खेल पर असर डालता है। एक छोटा ब्रेक और उचित पुनरावृत्ति से दुबे जल्दी वापस आ सकता है। आशा है कि सब मिलकर इस कठिन समय को पार करेंगे।

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    Shivam Pandit

    अक्तूबर 26, 2025 AT 06:40

    शार्दुल को इस नई जिमीदारी में पूरी समर्थन देना चाहिए, क्योंकि टीम की सदीविकता यहां ही तय होगी! युवा खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए, और उन्हें सही मार्गदर्शन देना जरूरी है; इस तरह हम सभी को जीत की राह पर ले जा सकते हैं।

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    parvez fmp

    अक्तूबर 28, 2025 AT 00:20

    Yo! इसे देखो, अब सबको सुनना पड़ेगा, दुबे का लीव अभी भी एक बड़ा रहस्य है 😱। तुहिन तुहिन, सब अफ़वाओं को खत्म करो, टीम को सपोर्ट करो 🤜🤛।

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    s.v chauhan

    अक्तूबर 29, 2025 AT 18:00

    चलो, टीम को भरोसा रखें और जीत की राह पर आगे बढ़ें!

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    Thirupathi Reddy Ch

    अक्तूबर 31, 2025 AT 11:40

    वो लोग हमेशा चोट की बात को बड़े स्तर पर ले जाते हैं जबकि असली समस्या प्लेयर मैनेजमेंट में है। अगर हम इस तरह की बहस में फँसेंगे तो टीम की प्रगति रुक जाएगी। वैसा हो तो इस मुद्दे को शांति से सुलझाना चाहिए।

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