नोवाक जोकोविच का 'गूड नाइट' संदेश: क्या विंबलडन में रोजर फेडरर की चर्चा से हो रही है नाराजगी?

नोवाक जोकोविच का 'गूड नाइट' संदेश: क्या विंबलडन में रोजर फेडरर की चर्चा से हो रही है नाराजगी?

नोवाक जोकोविच का विंबलडन के दर्शकों से नाराजगी

नोवाक जोकोविच, जो अपने अद्वितीय टेनिस कौशल के लिए विश्व भर में मशहूर हैं, ने हाल ही में विंबलडन में अपने चौथे राउंड मैच के बाद दर्शकों के प्रति अपने असंतोष को व्यक्त किया। उन्होंने 15वीं वरीयता प्राप्त होल्गर रूण के खिलाफ एक-तरफा मुकाबले में 6-3, 6-4, 6-2 से जीत हासिल की। परंतु, इस शानदार जीत के बाद भी उनका मनोबल ठंडा नहीं हुआ। उनका कहना था कि दर्शकों से मिले अपमानजनक व्यवहार के कारण वे आहत हुए।

मैच के बाद की प्रतिक्रिया

जोकोविच ने मैच के समाप्ति के बाद एक साक्षात्कार के दौरान वायलिन बजाने का इशारा किया, जो जाहिर तौर पर भीड़ का मजाक उड़ा रहा था। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने यह इशारा उन दर्शकों के लिए किया जो उनके प्रति असम्मानजनक थे। उन्होंने बोलते समय 'गूड नाइट' शब्दों को लंबा खींचते हुए कहा, 'हैव आ गूूूूड नाइट। गूूूूड नाइट। गूूूूड नाइट। वेरी गूूूॉड नाइट,' जिससे पता चलता है कि उन्होंने 'गूड' शब्द को 'बू' जैसा प्रतीत कराया।

जोकोविच की फैंस को सलाह

जोकोविच ने अपने संदेश में उन दर्शकों पर जोर दिया जिन्होंने उनका अपमान किया और उनके अनुसार, वे जितना भी कोशिश करें। जोकोविच का हौसला ऐसा था कि उन्होंने कहा, 'तुम लोग मुझे छू भी नहीं सकते।' 20 साल के अपने करियर के अनुभवों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वे दर्शकों की इन नीतियों को बखूबी समझते हैं। उन्हें पता है कि खेल के दौरान इस तरह के चिढ़ाने वाले दर्शकों से कैसे निपटना है।

दूसरी ओर, जोकोविच ने उन फैंस का भी धन्यवाद किया जो खिलाड़ियों के प्रयासों की सराहना करते हैं और टेनिस के खेल की सुंदरता को समझते हैं। उनकी यह प्रतिक्रिया न केवल उनकी उत्कृष्टता को दर्शाती है बल्कि उनकी खेलभावना और आत्मविश्वास को भी उजागर करती है।

फेडरर से तुलना और अन्य पहलुओं का प्रभाव

यह ध्यान देने योग्य है कि जोकोविच का यह नाराजगी भरा व्यवहार विंबलडन की भीड़ के रोजर फेडरर के प्रति गहरे लगाव के चलते है। फेडरर ने विंबलडन में कई अविस्मरणीय पलों को जन्म दिया है और उनके फैंस की संख्या असंख्य है। जोकोविच को अक्सर फेडरर के साथ तुलना का सामना करना पड़ता है और ऐसा माना जाता है कि यहीं एक कारण है जिसके चलते विंबलडन की भीड़ उन्हें कम पसंद करती है।

इस तरह की परिस्थितियों में, किसी खिलाड़ी के लिए अपनी आत्मा और खेल भावना को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जोकोविच ने बार-बार साबित किया है कि वे मैदान के अंदर और बाहर दोनों ही जगह एक उच्च कोटि के खिलाड़ी हैं। उनकी यह जीत और उनके प्रति असम्मान का सामना करने की क्षमता ने उन्हें और मजबूत बनाया है।

जोकोविच के इस प्रतिकूलता के बीच लगातार मजबूत बने रहने के पीछे का एक अन्य बड़ा कारण उनका आत्मविश्वास है। शुरुआत से ही उन्होंने अपने खेल को एक नई दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास किया है और वे इसमें सफल रहे हैं।

अंत में, जोकोविच की यह प्रतिक्रिया हमें यह सिखाती है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियां क्यों न हो, हर खिलाड़ी को अपने आत्म-सम्मान और खेल भावना को बनाए रखना आवश्यक है। जोकोविच ने एक बार फिर साबित किया है कि वे न केवल एक उत्कृष्ट खिलाड़ी हैं बल्कि एक मजबूत और आत्मविश्वासी व्यक्तित्व भी हैं।

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