वेस्ट इंडीज की टीम ने इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के पहले मैच में जब मैदान सँभाला, तो सबकी नजर कप्तान क्रैग ब्रैथवेट और टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू कर रहे माइकेल लुईस पर थी। टीम भले ही सीरीज में बल्लेबाज़ी के संकट से जूझ रही हो, लेकिन ओपनिंग में इन दोनों बल्लेबाजों ने 76 रन की साझेदारी कर इतिहास रच दिया।
माइकेल लुईस के लिए यह पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मुकाबला था, लेकिन उनके आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं दिखी। लुईस ने 58 गेंदों में 27 रन बनाए, जिसमें चार चौके और एक छक्का शामिल रहा। डोमेस्टिक सर्किट में शानदार फॉर्म में रहने के बाद उन्हें यह मौका मिला—उन्होंने हाल में 682 रन बनाकर 48.71 की औसत दर्ज की थी। इतने अच्छे प्रदर्शन से उनका चयन हुआ, और डेब्यू में उन्होंने अपनी तकनीक और धैर्य से सबको प्रभावित किया।
दूसरी ओर, ब्रैथवेट अपनी लय खोज रहे थे। पिछले 13 पारियों में केवल एक हाफ सेंचुरी ही निकल सकी थी, जिससे उनके प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे थे। लेकिन इस बार, उन्होंने नई बॉल के खिलाफ मजबूती दिखाई और युवा लुईस को सेट होने में समर्थन दिया। ओपनिंग में बने रन भले ही ज्यादा न लगे, लेकिन वेस्ट इंडीज के लिए यह साझेदारी राहत देने वाली साबित हुई।
ओपनिंग जोड़ी के बाद एक बार फिर मध्यक्रम ने उम्मीद पर पानी फेर दिया। वेस्ट इंडीज की पहली पारी में सिर्फ जेसन होल्डर (59) और दा सिल्वा (49) ही लय में नजर आए। बाकी बल्लेबाज धराशायी हो गए और पूरी टीम पहली पारी में 282 पर ही सिमट गई।
इसके जवाब में इंग्लैंड ने बड़ी मजबूती से बल्लेबाज़ी की, वेस्ट इंडीज के स्कोर को पार किया और मैच पर 94 रन की बढ़त बना ली। वहाँ से इंग्लैंड ने यह मैच अपने नाम कर लिया। हालांकि, पूरी सीरीज में वेस्ट इंडीज की ओर से बल्लेबाजी कमजोर दिखी, फिर भी माइकेल लुईस का डेब्यू और क्रैग ब्रैथवेट के साथ उनकी ओपनिंग साझेदारी उम्मीद की नई किरण बनी हुई है।
देखा जाए तो लुईस के प्रदर्शन ने दिखा दिया है कि अगर टीम को आगे अच्छे ओपनर चाहिए, तो उनमें खास संभावनाएं हैं। घरेलू क्रिकेट में उनकी मेहनत अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी रंग ला रही है। वेस्ट इंडीज भले ही इस मैच में फिसल गई, लेकिन फैंस को अपने युवा ओपनर से अब आगे और बेहतरीन पारियों की उम्मीद रहेगी।
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