टाटा मोटर्स का देमर्जर मंज़ूर, 1 अक्टूबर 2025 से दो अलग‑अलग सूचीबद्ध कंपनियां

टाटा मोटर्स का देमर्जर मंज़ूर, 1 अक्टूबर 2025 से दो अलग‑अलग सूचीबद्ध कंपनियां
30 सितंबर 2025 Sanjana Sharma

जब टाटा मोटर्स लिमिटेड को नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 26 सितंबर 2025 को आधिकारिक मंज़ूरी दी, तब से कंपनी का भविष्य दो अलग‑अलग सूचीबद्ध इकाइयों में बंट जाएगा, इससे पहले कि 1 अक्टूबर 2025 का प्रभावी तिथि आए। यह देमर्ज़र बोर्ड ने मार्च 2024 में मंज़ूर किया था, जिसका उद्देश्य व्यावसायिक और पैसेंजर वाहन दोनो के क्षेत्रों में फोकस बढ़ाना है।

नए ढाँचे में गिरीश वैघ व्यावसायिक वाहन (Commercial Vehicle) विभाग के प्रमुख रहेंगे, जबकि शैलेश चंद्र पैसेंजर व इलेक्ट्रिक वाहन डिवीजन को संभालेंगे। इस परिवर्तन के साथ पीबी बलाजी को जैगर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) के नए CEO नियुक्त किया गया है।

शेयरधारकों को हर पूर्ण भुगतान किए गए टाटा मोटर्स शेयर के बदले 1 शेयर नई व्यावसायिक वाहन कंपनी और 1 शेयर नई पैसेंजर वाहन कंपनी मिलने का 1:1 शेयर स्वैप अनुपात लागू होगा। रिकॉर्ड डेट अभी मध्य‑अक्टूबर के आसपास तय होगी, लेकिन यह अभी भी रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनीज़ (RoC) की मंज़ूरी पर निर्भर है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और देमर्ज़र का उद्देश्य

टाटा समूह ने अपने ऑटोमोबाइल बिज़नेस को 1945 में स्थापित किया था, और तब से यह कंपनी ट्रैक्टर्स, बसों, कारों और इलेक्ट्रिक वाहनों तक का विस्तृत पोर्टफोलियो बना रही है। पिछले दो दशकों में वैश्विक महामंदी और इलेक्ट्रिफिकेशन की लहर ने समूह को कई चुनौतियों का सामना करवाई, जिससे बोर्ड ने इसे दो स्वतंत्र इकाइयों में बांटने का निर्णय लिया। इस रणनीति का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक इकाई को उनके विशिष्ट बाजार में अधिक लचीलापन और तेज़ी से निर्णय‑लेने की क्षमता देना है।

  • व्यावसायिक वाहन बाजार में भारत का हिस्सा 2024 में 38% था, और अनुमान है कि 2028 तक यह 45% तक पहुंच जाएगा।
  • पैसेंजर इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बिक्री 2023 में 2.5 लाख यूनिट्स थी, जो 2027 तक 12 लाख यूनिट्स पहुँचने का लक्ष्य रखती है।
  • जैगर लैंड रोवर की वैश्विक बिक्री 2024 में 400,000 यूनिट्स रही, जिसमें लक्ज़री SUV की बढ़ती माँग ने योगदान दिया।

इन आँकों को देखते हुए, दो अलग‑अलग कंपनियों के रूप में कार्य करने से निवेशकों को स्पष्ट मूल्यांकन और बेहतर उद्यम‑स्तरीय रणनीति मिलेंगी।

देमर्ज़र की रूपरेखा और प्रमुख इकाइयाँ

देमर्ज़र के बाद दो नई कंपनियों का गठन होगा:

  1. TML Commercial Vehicles Limited (TMLCV)—यह कंपनी व्यावसायिक वाहन, बसें, ट्रॉली, और संबंधित आपूर्तिकर्ता व्यवसायों को संभालेगी। दिमर्ज़र के बाद इसे पुनः टाटा मोटर्स लिमिटेड नाम दिया जाएगा, जिससे ब्रांड पहचान बनी रहेगी।
  2. Tata Motors Passenger Vehicles Limited—यह इकाई पैसेंजर कारें, इलेक्ट्रिक वाहन, और जैगर लैंड रोवर सहित सभी लक्ज़री ब्रांड्स को नियंत्रित करेगी।

दोनों कंपनियों को स्वतंत्र रूप से नॅशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट किया जाएगा, और प्रत्येक को अपना टिकर एवं शेयर मूल्य मिलेगा।

प्रमुख प्रबंधन बदलाव और नई नेतृत्व टीम

देमर्ज़र के साथ कई शीर्ष‑स्तरीय प्रबंधकीय बदलाव भी आए हैं। गिरीश वैघ, जो पहले व्यावसायिक वाहन डिवीजन के प्रमुख थे, अब नई व्यावसायिक वाहन कंपनी के चेयरमैन और CEO बनेंगे। उनका लक्ष्य उत्पादन क्षमता बढ़ाना और नई इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों के विकास को तेज़ करना है।

शैलेश चंद्र अब पैसेंजर वाहन इकाई के CEO रहेंगे, जहाँ उनका मुख्य फोकस इलेक्ट्रिक कारों की पोर्टफोलियो को विस्तारित करना और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ाना होगा।

जैगर लैंड रोवर के लिये नया CEO पीबी बलाजी चुना गया है, जो पिछले दो वर्षों से समूह के प्रौद्योगिकी एवं नवाचार विभाग में काम कर रहे थे। उनका मानना है कि “इलेक्ट्रिफिकेशन और स्वायत्त ड्राइविंग तकनीक में निवेश हमारे लक्सरी ब्रांड को भविष्य में भी प्रासंगिक रखेगा।”

शेयरधारकों के लिए प्रभाव और लाभ

शेयरधारकों के लिए प्रभाव और लाभ

देमर्ज़र के कारण शेयरधारकों को दो नए शेयर मिलेंगे, जिसका मतलब है कि उनके पोर्टफोलियो में दो अलग‑अलग इकाइयाँ शामिल होंगी। यदि किसी निवेशक के पास 100 शेयर टाटा मोटर्स के हैं, तो देमर्ज़र के बाद उनके पास 100 शेयर नई व्यावसायिक वाहन कंपनी और 100 शेयर नई पैसेंजर वाहन कंपनी होंगे। इस 1:1 स्वैप से संभावित लाभ दो तरफा है:

  • व्यावसायिक वाहन बाजार में तेज़ी से विकास होने पर TMLCV के शेयर मूल्य में उछाल की संभावना।
  • इलेक्ट्रिक और लक्ज़री कारें बेचने वाले सेक्टर में जबरदस्त गति से बढ़ती मांग के कारण passenger vehicle कंपनी के शेयरों की स्थिरता।

रिकॉर्ड डेट अभी तय नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसे मध्य‑अक्टूबर 2025 में घोषित किया जाएगा। उस समय सभी डिमैट खातों में दो अलग‑अलग शेयर दिखने लगेंगे।

भविष्य की संभावनाएँ और उद्योग पर असर

देमर्ज़र का असर सिर्फ टाटा समूह तक सीमित नहीं रहेगा। भारतीय ऑटोमोटिव सेक्टर में यह कदम कई अन्य समूहों को भी अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संरचना करने के लिए प्रेरित कर सकता है। निवेशकों के बीच यह धारणा बन रही है कि “एकीकृत समूह से अलग‑अलग फोकस वाली कंपनियाँ निवेश आकर्षित करने में अधिक सक्षम होती हैं।”

कृष्णा शर्मा, जो इंडियन ऑटो इंडस्ट्री एसोसिएशन की विश्लेषक हैं, का कहना है, “टाटा मोटर्स का देमर्ज़र उद्योग में ‘डिविजन एण्ड कन्करेंस’ की नई लहर लाएगा, जिससे नई तकनीकी नवाचार और स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा।”

अभी तक NCLT की मंजूरी मिलने के बाद नियामक प्रक्रिया बाकी है, पर यदि सभी कदम ठीक से चलते रहे तो दोनों कंपनियाँ FY26 के दूसरे तिमाही तक पूरी तरह से कार्यशील हो जाएँगी।

Frequently Asked Questions

देमर्ज़र से शेयरधारकों को क्या लाभ मिलेगा?

प्रत्येक टाटा मोटर्स शेयर के बदले दो नए शेयर मिलेंगे—एक व्यावसायिक वाहन कंपनी का और एक पैसेंजर वाहन कंपनी का, जिससे निवेशकों को दो अलग‑अलग बिजनेस मॉडल से रिटर्न की संभावना बढ़ जाएगी।

रिकॉर्ड डेट कब तय होगी और इसका महत्व क्या है?

रिकॉर्ड डेट मध्य‑अक्टूबर 2025 में निर्धारित होगी, पर यह RoC की मंजूरी पर निर्भर है। इस तारीख को तय करने से शेयरधारकों को उनके खाते में दो अलग‑अलग स्टॉक्स दिखने लगेंगे, और उनका डिविडेंड एवं मतदान अधिकार दो कंपनियों में विभाजित होगा।

नयी व्यावसायिक वाहन कंपनी का नाम क्या रहेगा?

देमर्ज़र के बाद कंपनी को शुरुआती तौर पर TML Commercial Vehicles Limited कहा जाएगा, लेकिन बाद में इसे फिर से टाटा मोटर्स लिमिटेड रूप में पुनः ब्रांड किया जाएगा।

जैगर लैंड रोवर के नए CEO कौन हैं और उनका लक्ष्य क्या है?

पीबी बलाजी को नया CEO नियुक्त किया गया है। उनका मुख्य लक्ष्य इलेक्ट्रिफिकेशन, स्वायत्त ड्राइविंग तकनीक और लक्ज़री ब्रांड की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।

इस देमर्ज़र से भारत के ऑटो उद्योग पर क्या असर पड़ेगा?

विश्लेषकों का अनुमान है कि यह कदम भारतीय ऑटो सेक्टर में फोकस‑ड्रिवेन जेस्ट्री को प्रेरित करेगा, जिससे निवेश, नवाचार और स्थानीय उत्पादन में तेज़ी आएगी, और भारत को इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहन बाज़ार में वैश्विक नेता बनने में मदद मिलेगी।

टाटा मोटर्स देमर्जर गिरीश वैघ जैगर लैंड रोवर अक्टूबर 2025
Sanjana Sharma

द्वारा Sanjana Sharma

14 टिप्पणि

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    vikash kumar

    अक्तूबर 1, 2025 AT 00:00

    टाटा मोटर्स का देमर्ज़र रणनीतिक पुनर्रचना का एक बिंदु है, जो व्यवसायिक इकाइयों के फोकस को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। व्यावसायिक वाहन विभाग को स्वतंत्र रूप से संचालन करने से पूँजी संरचना में सुधार और नवाचार की गति में वृद्धि की संभावना है। इस प्रकार, निवेशकों को प्रत्येक इकाई के वित्तीय प्रदर्शन को स्वतंत्र रूप से मूल्यांकित करने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहन के लिए अलग इकाई बनाना बाजार की गतिशीलता के अनुरूप है। अंततः, यह कदम टाटा समूह के दीर्घकालीन शेयरधारकों के हित में कार्य करता प्रतीत होता है।

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    Swetha Brungi

    अक्तूबर 1, 2025 AT 03:53

    जीवन के कई मोड़ होते हैं, और प्रत्येक मोड़ पर निर्णय का भार अलग‑अलग होता है। टाटा मोटर्स ने अपने इतिहास में कई परिवर्तन देखे हैं, पर यह देमर्ज़र शायद सबसे अधिक गहरा छाप छोड़ेगा। जब दो स्वतंत्र इकाइयाँ स्थापित होती हैं, तो उनका स्वाभाविक रूप से आपसी प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों ही उत्पन्न होते हैं। यह द्वैतात्मक दृष्टिकोण विशेषकर इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों के विकास में नई शक्ति प्रदान कर सकता है। साथ ही, शेयरधारकों को दो अलग‑अलग दिशा‑निर्देश मिलने से पोर्टफोलियो का विविधीकरण भी साकार होता है। इस प्रक्रिया में, नीतियों की स्थिरता और नियामक समर्थन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अंत में, यह परिवर्तन केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी भारतीय ऑटो उद्योग की दिशा तय करेगा।

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    Govind Kumar

    अक्तूबर 1, 2025 AT 09:26

    नवीनीकरण की दिशा में टाटा मोटर्स द्वारा उठाया गया कदम, नियत तिथि 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा। दो नई कंपनियों की सूचीबद्धता से निवेशकों के लिए पारदर्शिता बढ़ेगी और मूल्यांकन अधिक सटीक होगा। व्यावसायिक वाहन सेक्टर में 2028 तक 45% बाजार हिस्सेदारी का लक्ष्य, उद्योग विशेषज्ञों द्वारा आशाजनक माना गया है। पैसेंजर इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री लक्ष्य 2027 तक 12 लाख यूनिट तक बढ़ाने का प्रेक्षण, सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है। यह पुनर्गठन, समूह के रणनीतिक फोकस को स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध होगा।

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    Himanshu Sanduja

    अक्तूबर 1, 2025 AT 16:23

    टाटा मोटर्स का देमर्ज़र देख कर लगा कि अब दो अलग‑अलग कंपनियों को अपना‑अपना पहचान मिल जाएगी। व्यावसायिक वाहन में तेजी से बढ़ती मांग है तो यही समय है जब नई इकाई बाजार हिस्सेदारी पकड़ सकेगी। पैसेंजर इलेक्ट्रिक वेल में भी अब फोकस बढ़ाने से नई मॉडल्स जल्दी आएंगे। दो कंपनियों का शेयर स्वैप भी निवेशकों को दो‑दो लाभ देगा। कुल मिलाकर यह कदम सही दिशा में लगता है।

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    Kiran Singh

    अक्तूबर 1, 2025 AT 20:33

    वाह! टाटा मोटर्स ने दो नई कंपनियां बना ली 🎉 अब व्यावसायिक वाहनों में इन्फोसेट होगा 🚚 और इलेक्ट्रिक कारों में चार्जिंग की तेज़ी मिलेगी ⚡️ निवेशकों को दो‑दो शेयर मिलने से पोर्टफोलियो भी चमकेगा 🌟

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    fatima blakemore

    अक्तूबर 2, 2025 AT 02:06

    टाटा का देमर्जर मतलब दो अलग कम्पनी बनेंगी, एक के लिए commercial gaadiyan aur doosri passenger evs. share swap se hum sab ko do do share milenge, mast hai na? record date abhi decide hona baaki hai, lekin lagta hai oct ke aas paas ho jayegi. बस, dekhte hain agla steps kaise aate hain.

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    Anurag Narayan Rai

    अक्तूबर 2, 2025 AT 09:03

    टाटा मोटर्स के दो अलग‑अलग सूचीकृत इकाइयों में बंटने का निर्णय, भारतीय ऑटो उद्योग के विकास में एक मील का पत्थर माना जा सकता है। सबसे पहले, व्यावसायिक वाहन विभाग को स्वतंत्र रूप से चलाने से पूँजी संरचना में लचीलापन आएगा और निवेशकों को स्पष्ट लाभप्रदता के संकेत मिलेंगे। यह लचीलापन विशेषकर इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि बैटरी तकनीक और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ेगा। दूसरी ओर, पैसेंजर वाहन इकाई अपने इलेक्ट्रिक कार पोर्टफोलियो को विस्तारित करने में अधिक स्वतंत्रता प्राप्त करेगी, जिससे 2027 तक 12 लाख इकाइयों का लक्ष्य साकार हो सकता है। दोनों कंपनियां अलग‑अलग स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होंगी, जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि की संभावनाएं स्पष्ट हो जाएँगी। शेयरधारकों को 1:1 स्वैप के माध्यम से दो नए शेयर मिलेंगे, जिससे उनकी पोर्टफोलियो में विविधीकरण का लाभ मिलेगा। यह विविधीकरण जोखिम को कम करने के साथ‑साथ संभावित रिटर्न को भी बढ़ा सकता है। नियामक प्रक्रिया में RoC की मंजूरी अभी बाकी है, लेकिन NCLT ने पहले ही मंजूरी दे दी है, जिससे प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ेगी। इतिहास बताता है कि जब कंपनियां अपने कोर बिजनेस पर फ़ोकस करती हैं, तो उनका बाजार शेयर और लाभ मार्जिन दोनों ही सुधरते हैं। टाटा समूह के इतिहास में कई रणनीतिक बदलाव देखे गए हैं, पर इस बार का कदम अधिक स्पष्ट और डेटा‑ड्रिवन प्रतीत होता है। गिरीश वैघ का नेतृत्व करने वाली व्यावसायिक वाहन कंपनी, नई इलेक्ट्रिक ट्रक और बसों के विकास में अग्रणी बन सकती है। शैलेश चंद्र की कमान में पैसेंजर वाहन इकाई, प्रमुख वैश्विक ब्रांड्स के साथ सहयोग को बढ़ावा दे सकती है। पीबी बलाजी की नई भूमिका, जेमर लैंड रोवर की लक्ज़री लाइन को इलेक्ट्रिक भविष्य में ले जाने में निर्णायक हो सकती है। बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि 2028 तक व्यावसायिक वाहन बाजार में टाटा की हिस्सेदारी 45% तक पहुंचेगी। इस बदलते परिदृश्य में, अन्य ऑटो समूह भी अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संरचना करने पर विचार कर सकते हैं। अंत में, यह दो कंपनियों की स्वतंत्रता, भारतीय ऑटो सेक्टर को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अधिक मजबूत बनाएगी और निवेशकों के लिए नई अवसरों का द्वार खोलेगी।

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    Sandhya Mohan

    अक्तूबर 2, 2025 AT 13:13

    समय प्रत्येक वृक्ष की जड़ें गहरी करता है, और टाटा मोटर्स का यह पुनर्संरचना भी वही दर्शाता है। जब दो शाखाएँ अलग‑अलग दिशा में फैलेंगी, तो उनका फल और मीठा होगा। व्यावसायिक वाहन और इलेक्ट्रिक पैसेंजर, दोनों का अपना रास्ता होगा, पर दोनों मिलकर एक बड़ी छाया देंगे। इस बदलाव से निवेशकों को दो‑दो अवसर मिलने से उनकी आर्थिक यात्रा में संतुलन आएगा। ऐसा परिवर्तन अक्सर नई सृष्टि की ओर ले जाता है।

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    Prakash Dwivedi

    अक्तूबर 2, 2025 AT 18:46

    टाटा मोटर्स के इस निर्णायक कदम ने मेरे मन में आशा की नई लहर उत्पन्न की है। दो स्वतंत्र इकाइयाँ बनेंगी, जो अपने‑अपने क्षेत्र में नवाचार को तेज़ी से आगे बढ़ाएंगी। इस प्रक्रिया में शेयरधारकों को दो‑दो शेयर मिलने से उनका समय भी दो गुना हो जाएगा। यह द्रव्यमान परिवर्तन न केवल आर्थिक, बल्कि भावनात्मक संतुष्टि भी लाएगा।

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    Rajbir Singh

    अक्तूबर 3, 2025 AT 00:20

    दो नई कंपनियों से निवेश जोखिम बढ़ सकता है।

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    Shubham Abhang

    अक्तूबर 3, 2025 AT 05:53

    टाटा मोटर्स, ने, देमर्जर, घोषणा, की, जिससे, दो, अलग-अलग, कंपनियों, का, गठन, संभव, हुआ, यह, शेयरधारकों, के, लिये, दो, शेयर, का, लाभ, देगा, लेकिन, रिकॉर्ड, डेट, अभी, तय, नहीं, हुई, है, इसलिए, निवेशकों, को, धैर्य, रखना, पड़ेगा।

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    Trupti Jain

    अक्तूबर 3, 2025 AT 11:26

    टाटा के इस बड़े परिवर्तन को देखते हुए, ऐसा लग रहा है कि कंपनी ने एक नई सिम्फ़नी शुरू कर दी है, जहाँ दो अलग‑अलग धुनें मिलकर एक महाकाव्य रचना बनेंगी। व्यावसायिक वाहन की ध्वनि और इलेक्ट्रिक पैसेंजर की कोमलता, दोनों का संगम अब एक मंच पर होगा। निवेशकों को दो‑दो नोट्स मिलने से उनके पोर्टफोलियो में रंग और रचना दोनों ही बढ़ेंगे। यह विकास की लहर, निश्चित ही बाजार में नई चमक लाएगी।

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    deepika balodi

    अक्तूबर 3, 2025 AT 17:00

    देमर्जर से शेयरधारकों को दो‑दो शेयर मिलने से दीर्घकालिक रिटर्न में संभावित वृद्धि दिखाई देती है।

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    Priya Patil

    अक्तूबर 3, 2025 AT 22:33

    बिल्कुल, दो अलग‑अलग इकाइयों के साथ निवेशकों को अलग‑अलग जोखिम‑प्रोफ़ाइल मिलती है, जिससे पोर्टफोलियो को बैलेंस करना आसान हो जाता है। इस प्रकार, दीर्घकालिक रिटर्न में स्थिरता और संभावित वृद्धि दोनों ही संभव हो सकते हैं।

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