PM मोदी ने 21वां PM-KISAN किस्त राशि जारी की, 9 करोड़ किसानों को मिलेगा 18,000 करोड़ रुपये

PM मोदी ने 21वां PM-KISAN किस्त राशि जारी की, 9 करोड़ किसानों को मिलेगा 18,000 करोड़ रुपये
20 नवंबर 2025 Sanjana Sharma

नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर, 2025 को तमिलनाडु के कोयम्बटूर में दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती सम्मेलन 2025 का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) की 21वीं किस्त जारी कर दी। इस बार किस्त की राशि 18,000 करोड़ रुपये से अधिक है, जो देशभर के लगभग 9 करोड़ किसान परिवारों तक पहुंचेगी। यह अब तक की सबसे बड़ी एकल वित्तीय सहायता अभियानों में से एक है — और इसका असर सिर्फ खेती तक ही सीमित नहीं, बल्कि गांवों के घरों, बच्चों के शिक्षा खर्चों और बीमारियों के इलाज तक फैल गया है।

किसानों के लिए जीवन बदलने वाला कदम

प्रत्येक पात्र किसान परिवार को वार्षिक 6,000 रुपये मिलते हैं, जो तीन बराबर किस्तों में — हर चार महीने में 2,000 रुपये — सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खातों में जमा किए जाते हैं। यह PM-KISAN योजना, जिसकी शुरुआत 24 फरवरी, 2019 को हुई थी, अब तक 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को 3.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहुंचा चुकी है। यह दुनिया के सबसे बड़े सीधे लाभ हस्तांतरण (DBT) कार्यक्रमों में से एक है।

इस बार की किस्त के लिए उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ा हिस्सा मिला है — 2.15 करोड़ किसानों को 4,314.26 करोड़ रुपये। यह राशि इस किस्त के कुल राशि का लगभग 24% है। अब तक उत्तर प्रदेश में PM-KISAN के तहत कुल राशि 90,354.32 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। यह सिर्फ एक राज्य का आंकड़ा नहीं, बल्कि एक ऐसी नीति का प्रमाण है जो भारत के सबसे बड़े कृषि राज्य के साथ गहरा जुड़ाव बनाती है।

प्राकृतिक खेती और राजनीतिक संदर्भ

इस घोषणा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के किसानों को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा, "एक एकड़, एक मौसम" पर ध्यान केंद्रित करें। यह एक छोटा सा निर्देश लग सकता है, लेकिन इसका मतलब है कि सरकार अब केवल आर्थिक सहायता तक ही सीमित नहीं, बल्कि खेती के तरीकों को भी बदलना चाहती है।

कुछ विश्लेषकों ने इस घोषणा को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद की राजनीतिक गतिविधि के संदर्भ में देखा। चुनाव के बाद मॉडल कोड के तहत ऐसी घोषणाएं आमतौर पर टाली जाती हैं, लेकिन सरकार ने इस बार उस समय के अंतराल को भी पार कर दिया। बिहार के लिए कोई आधिकारिक संख्या जारी नहीं की गई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह वितरण उस राज्य के किसानों के लिए भी एक गंभीर संकेत है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों को पहले ही मिल चुकी है सहायता

कुछ राज्यों के किसानों को तो इस बड़ी किस्त से पहले ही अपनी जरूरतों के लिए सहायता मिल चुकी है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के किसानों को सितंबर और अक्टूबर 2025 में बाढ़ और भूस्खलन के बाद अग्रिम भुगतान किए गए। यह एक अहम बात है — सरकार ने न केवल एक नीति को लागू किया, बल्कि उसे लचीला बनाकर आपदा स्थितियों में भी लागू किया।

पात्रता के सख्त नियम: आधार, eKYC और जमीन के रिकॉर्ड

पात्रता के सख्त नियम: आधार, eKYC और जमीन के रिकॉर्ड

लाभ पाने के लिए एक भी शर्त छूट नहीं। किसानों के जमीन के रिकॉर्ड PM-KISAN पोर्टल पर अपलोड होने चाहिए, उनका बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए, और eKYC पूरा होना चाहिए। इनमें से कोई भी शर्त नहीं है जिसे नजरअंदाज किया जा सके। इसका मतलब है कि जो लोग अभी तक लाभ नहीं पा रहे, उनके पास शायद एक डिजिटल खामी है — न कि एक आर्थिक असमानता।

भुगतान की स्थिति आधिकारिक PM-KISAN पोर्टल पर अपने आधार नंबर और कैप्चा कोड डालकर चेक की जा सकती है। सिस्टम फॉर्म पर दिखाता है: नाम, पिता/पति का नाम, राज्य, जिला, गांव, भुगतान की स्थिति और आधार पुष्टि। यह पारदर्शिता का एक अहम उदाहरण है — जहां कोई भी किसान अपने भुगतान का रिकॉर्ड खुद देख सकता है।

महिला किसानों के लिए एक अहम उपलब्धि

एक अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला आंकड़ा यह है कि इस योजना के लाभों का लगभग 25% महिला किसानों को मिल रहा है। यह एक बड़ी बात है — भारत में लगभग 85% कृषि कार्य महिलाएं ही करती हैं, लेकिन उनके नाम से जमीन के रिकॉर्ड अक्सर पुरुषों के नाम पर होते हैं। PM-KISAN ने इस अंतर को पार करने के लिए एक अप्रत्यक्ष रास्ता बनाया है — जब एक परिवार को लाभ मिलता है, तो वह महिला के नाम पर भी आता है।

भविष्य क्या है?

भविष्य क्या है?

अगली किस्त फरवरी 2026 में आने की उम्मीद है। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या यह योजना अब केवल एक आर्थिक सहायता बनी रहेगी, या इसे एक व्यापक कृषि रणनीति का हिस्सा बनाया जाएगा? जब एक एकड़ जमीन पर एक मौसम की बात की जा रही है, तो सवाल यह भी उठता है कि क्या इस तरह की नीति छोटे किसानों को बाजार से जोड़ पाएगी? या यह बस एक आर्थिक लाभ बनकर रह जाएगी?

एक बात स्पष्ट है — यह योजना अब भारत के ग्रामीण जीवन के एक अहम हिस्से में बदल चुकी है। यह एक राशि नहीं, बल्कि एक संकेत है: किसानों को भूला नहीं जा रहा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

PM-KISAN की 21वीं किस्त किस तारीख को जारी की गई और कितनी राशि दी गई?

21वीं किस्त 19 नवंबर, 2025 को जारी की गई, जिसमें 18,000 करोड़ रुपये की राशि देशभर के लगभग 9 करोड़ किसान परिवारों को दी गई। यह राशि प्रत्येक पात्र परिवार को वार्षिक 6,000 रुपये की राशि के तीसरे हिस्से के रूप में दी जाती है।

किसानों को इस योजना का लाभ पाने के लिए क्या शर्तें हैं?

किसानों के लिए तीन अनिवार्य शर्तें हैं: 1) जमीन के रिकॉर्ड PM-KISAN पोर्टल पर अपलोड होने चाहिए, 2) बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए, और 3) eKYC पूरा होना चाहिए। इनमें से कोई भी शर्त पूरी नहीं हुई तो भुगतान नहीं होगा।

उत्तर प्रदेश को इस किस्त में कितनी राशि मिली और क्यों सबसे अधिक?

उत्तर प्रदेश को इस किस्त में 4,314.26 करोड़ रुपये मिले, जो कुल राशि का लगभग 24% है। यह इसलिए है क्योंकि उत्तर प्रदेश में 2.15 करोड़ से अधिक किसान परिवार हैं — देश के कुल पात्र किसानों का लगभग 24%। यह आंकड़ा राज्य की कृषि जनसंख्या और जमीन के आधार पर निर्धारित होता है।

महिला किसानों को इस योजना से कैसे लाभ हो रहा है?

इस योजना के लाभों का लगभग 25% महिला किसानों तक पहुंच रहा है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। चूंकि यह एक परिवार के नाम पर दी जाती है, तो जब एक महिला खेती करती है या परिवार की आय का अधिकांश हिस्सा उसके हाथ में होता है, तो वह भुगतान का लाभ सीधे पाती है — यह आर्थिक सशक्तिकरण का एक अहम तरीका है।

क्या बिहार के किसानों को इस किस्त में लाभ मिलेगा?

हां, बिहार के पात्र किसान भी इस किस्त का लाभ पाएंगे, लेकिन आधिकारिक संख्या अभी जारी नहीं की गई है। चुनाव के बाद यह भुगतान जारी किया गया, जिससे यह संकेत मिलता है कि बिहार के किसानों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक राज्य के आंकड़े जारी हो जाएंगे।

क्या आपदा प्रभावित क्षेत्रों को अग्रिम भुगतान मिला?

हां, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के किसानों को सितंबर और अक्टूबर 2025 में बाढ़ और भूस्खलन के कारण अग्रिम भुगतान किए गए। यह योजना की लचीलापन का एक उदाहरण है — जहां सरकार ने आम नियमों को टालकर आपदा स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान की।

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Sanjana Sharma

द्वारा Sanjana Sharma