मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री काल में पाकिस्तान यात्रा नहीं की: सचिन पाइलट की विशेष टिप्पणी

मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री काल में पाकिस्तान यात्रा नहीं की: सचिन पाइलट की विशेष टिप्पणी
27 सितंबर 2025 Sanjana Sharma

इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में आयोजित मनमोहन सिंह के स्मरण कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पाइलट ने कुछ अलग बात कही। उन्होंने कहा कि देश की सेवा को हमेशा ‘राष्ट्र पहले’ सिद्धांत से देखते हुए, सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यकाल में पाकिस्तान यात्रा नहीं की, चाहे कई बार निमंत्रण आया हो।

यात्रा न करने के पीछे का कारण

पाइलट ने बताया कि उस समय कई राजनयिक अवसर पेश आए, यहाँ तक कि सिंह के गाँव की यात्रा के लिए भी कई दावतें रखी गईं। लेकिन उन्होंने महसूस किया कि उस दौर में पाकिस्तान के साथ व्यक्तिगत मुलाकातें राष्ट्रीय हित के खिलाफ हो सकती थीं। उनके शब्दों में, यह एक ‘सही नहीं’ जैसा फैसला था, न कि कोई व्यक्तिगत विकल्प।

सचिन पाइलट का बयान और अन्य नेताओं की तुलना

सचिन पाइलट का बयान और अन्य नेताओं की तुलना

पाइलट ने यह भी रेखांकित किया कि अटल बिहारी वाजपेयी, एल.के. अद्वानी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी ने पाकिस्तान का भ्रमण किया, जबकि मनमोहन सिंह और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐसा नहीं किया। यह अंतर उनके ‘राष्ट्र पहले’ के दृष्टिकोण को दर्शाता है।

  • वाजपेयी ने शांति समारोह में भाग लिया और दो‑तरफ़ा रिश्ते सुधारने की कोशिश की।
  • अद्वानी ने 1999 में तैयार की गई कई शांति प्रस्तावों को आगे बढ़ाया।
  • मोदी ने 2015 में भारत-भूटान एवं पाकिस्तान यात्रा की, जिससे वैश्विक मंच पर भारत की छवि मजबूत हुई।

इस कार्यक्रम में कई विशिष्ट हस्तियाँ शामिल थीं – मोनटेक सिंह अह्लूवाला, राजीव शुक्ला, शहीद सिद्दीकी, पंकज पाचौरी, इतिहासकार उपिंदर सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुरशिड़। सभी ने सिंह की दूरदर्शिता और नीतियों पर प्रकाश डाला।

पाइलट ने सिंह की अमेरिका के साथ परमाणु समझौते में निभाई गई अहम भूमिका को भी याद किया। उन्होंने कहा कि इस समझौते के लिए सिंह ने बहुत साहस दिखाया और सरकार को जोखिम में डालते हुए भी राष्ट्रीय लाभ को प्राथमिकता दी।

राजीव शुक्ला ने बताया कि मुंबई के हमलों के बाद सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, लेकिन इस कदम को बहुत अधिक सार्वजनिक नहीं किया। यह धीरज और शांतिपूर्ण राजनयिक शैली थी, जो सार्वजनिक मंच पर दिखावटी नहीं बल्कि वास्तविक सुरक्षा के लिए थी।

इस बात पर जोर दिया गया कि आज भी भारत-पाकिस्तान संबंध पोलिटिकली संवेदनशील मुद्दा है, और नेताओं के व्यक्तिगत फैसले अक्सर राष्ट्रीय रणनीति को प्रभावित करते हैं। पाइलट ने यह स्पष्ट किया कि सिंह का ‘राष्ट्र पहले’ रवैया किसी भी समय, चाहे वह विदेशी यात्रा हो या घरेलू नीति, हमेशा प्रमुख था।

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द्वारा Sanjana Sharma