महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: अनिल देशमुख पर हमला, विपक्ष ने महायुति पर साधा निशाना

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: अनिल देशमुख पर हमला, विपक्ष ने महायुति पर साधा निशाना
20 नवंबर 2024 Sanjana Sharma

महाराष्ट्र में राजनीतिक तनाव के बीच अनिल देशमुख पर हमला

महाराष्ट्र के राजनीतिक परिवेश में इस समय गरमाहट का माहौल है। पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख नेता अनिल देशमुख पर नागपुर में हमला हुआ, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। अनिल देशमुख, जो कि कटोल से विधायक भी रहे हैं, अपने पुत्र सलील देशमुख का चुनावी प्रचार कर रहे थे। यह घटना नागपुर के जलालखेड़ा रोड के समीप बेलफाटा के पास हुई, जब अनिल देशमुख अपनी सभा समाप्त कर वापस लौट रहे थे। अज्ञात व्यक्ति ने उनकी कार पर पत्थर चलाए, जिससे उनके सिर पर चोट आई। यह घटना राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस समय महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का अभियान चरम पर है।

हमले का असर और पुलिस की प्रतिक्रिया

घटना के तुरंत बाद, अनिल देशमुख को कटोल सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें नागपुर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। यह हमला उनके समर्थकों और स्थानीय निवासियों में आक्रोश का कारण बन गया है। पुलिस ने इसे हत्या का प्रयास मानते हुए चार अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। नागपुर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार ने इस पर तात्कालिक संज्ञान लेते हुए घटना की गंभीरता से जांच करने का आश्वासन दिया है।

माहौल का राजनीतिकरण और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इसे एक साजिश करार दिया और सीधे तौर पर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। राउत ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति चरमरा चुकी है। इसके साथ ही, कांग्रेस के प्रमुख नेता नाना पटोले ने इसे कायराना हमला बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

राज्य के बाहर के नेताओं ने भी इस घटना पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और सांसद राघव चड्डा ने इस हमले की निंदा की है, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक समाज में इस तरह की हिंसा स्वीकार्य नहीं है। इसी बीच, एनसीपी (एसपी) ने भाजपा पर इस हमले का आरोप लगाते हुए इसे उनकी छवि खराब करने की साजिश बताया।

फडणवीस का जवाब और राजनीतिक तनाव

फडणवीस का जवाब और राजनीतिक तनाव

देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को नाटक करार देते हुए इसे एक बॉलीवुड फिल्म की साजिश से तुलना की और हमले की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह देशमुख की योजना थी जो भाजपा के चुनाव प्रचार से ध्यान भटकाने के लिए की गई थी।

इस पूरे प्रकरण ने कटोल में तनाव को बढ़ा दिया है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वहां बड़े पैमाने पर पुलिसबल और केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है। अब चुनाव प्रचार का समापन हो गया है और 20 नवंबर को होने वाले मतदान की तैयारियों के बीच सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।

उपसंहार और आगे की स्थिति

महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति इस समय नाजुक बनी हुई है। राजनीतिक दांव-पेंच अपने चरम पर हैं और इस घटना ने वातावरण को और अधिक गर्म कर दिया है। जनता की नजरें अब पुलिस जांच पर टिकी हुई हैं, जो इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। आगामी मतदान के बीच, ऐसी घटनाओं का घटित होना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए निश्चय ही चिंता की बात है, और इसी कारण राजनीतिक नेता और आम नागरिक दोनों ही इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

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Sanjana Sharma

द्वारा Sanjana Sharma