काठमांडू में सौर्य एयरलाइंस विमान दुर्घटना: 18 लोगों की मृत्यु, नेपाल विमान दुर्घटनाओं का बढ़ता सिलसिला

काठमांडू में सौर्य एयरलाइंस विमान दुर्घटना: 18 लोगों की मृत्यु, नेपाल विमान दुर्घटनाओं का बढ़ता सिलसिला
25 जुलाई 2024 Sanjana Sharma

24 जुलाई 2024 को, काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सौर्य एयरलाइंस का एक घरेलू विमान टेकऑफ के कुछ ही क्षणों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयंकर हादसे में 18 यात्रियों की जान चली गई, जिसमें एक यमनी नागरिक और एक बच्चा भी शामिल थे। इस दुर्घटना में 19 लोग सवार थे और विमान पोखरा के व्यस्त रिसोर्ट शहर के लिए उड़ान भर रहा था। स्थानीय समयानुसार सुबह 11:11 बजे विमान ने उड़ान भरी, लेकिन कुछ ही पलों बाद यह हवाई अड्डे के पूर्वी सेक्शन में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

हादसे के तुरंत बाद, हवाई अड्डे पर सेवाएँ कुछ समय के लिए रोक दी गई थीं। अधिकारियों ने बताया कि पायलट को आँख की चोटें आई हैं, लेकिन उनकी जान को कोई खतरा नहीं है। हालांकि, दुर्घटना ने कई परिवारों के जीवन में अनकही दुख और शोक का पहाड़ तोड़ दिया।

नेपाल में विमान दुर्घटनाओं का इतिहास काफी पुराना और त्रासदीपूर्ण रहा है। पहाड़ी इलाकों, अस्थिर मौसम परिस्थितियों और पुरानी तकनीकी संरचनाओं के कारण यहां विमान संचालन चुनौतीपूर्ण बना रहता है। इस दुर्घटना ने फिर से उड़ान सुरक्षा के मामलों को प्रकाश में ला दिया है। खासकर, जब हम बीते कुछ सालों के दौरान नेपाल में हो चुकी अन्य घातक विमान दुर्घटनाओं को देखते हैं, तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

2018 में काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यूएस-बांग्ला एयरलाइंस का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 51 लोगों की जान गई थी। उसी तरह 2016 में तारा एयर का एक विमान पोखरा से जोमसोम जाते वक्त दुर्घटना का शिकार हुआ था, जिसमें 23 लोग मारे गए थे। ऐसी दुर्घटनाओं की लंबी सूची कई सवाल खड़े करती है और उड़ान सुरक्षा के मानकों को पुनः मूल्यांकन करने की आवश्यकता पर बल देती है।

हादसे का पुनरावलोकन और जांच

प्रत्येक विमान दुर्घटना के बाद, एक अनिवार्य रूप से थोरौ जांच प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस दुर्घटना की जांच में नेपाल के नागरिक उड्डयन अधिकारियों के साथ-साथ बिमान उत्पादकों और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों का समावेश होता है। प्रारंभिक संकेतों से यह पता चलता है कि दुर्घटना का मुख्य कारण तकनीकी खराबी हो सकती है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए विस्तृत जांच आवश्यक है।

दुर्घटनाग्रस्त विमान में लगे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की जानकारी को विश्लेषण के लिए भेजा जाएगा। एक बार सबूतों का पूरा विश्लेषण किया जाएगा, तब दुर्घटना का असली कारण सामने आ सकेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।

ऐसे हादसों को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। विशेष रूप से, उड़ान के दौरान तकनीकी निरीक्षण, ग्राउंड स्टाफ की प्रशिक्षण में उच्च मानक अपनाना और ऊँचाई वाले इलाकों में विमान संचालन के लिए विशेष तैयारी की जानी चाहिए।

पीड़ितों और उनके परिवारों का दर्द

इस दुर्घटना ने कई परिवारों को अपार दुख में झोंक दिया है। जिन लोगों ने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोया है, उनका दर्द अव्यक्त है। कहीं न कही ये दर्द उस बाकी समाज को भी महसूस हो रहा है, जो ऐसे हादसों में अपनों को खो चुके हैं।

पीड़ितों के परिवारों को सांत्वना और आर्थिक मदद की ज़रूरत है। एयरलाइंस और सरकार दोनों को इस दिशा में तत्परता दिखानी होगी। समाज को भी इन परिवारों के प्रति सहानुभूति और समर्थन दिखाना चाहिए। यह दुर्घटना केवल एक संकेत है कि सुरक्षा उपायों को और सख्ती से पालन करने की ज़रूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों और अनमोल जीवनों की रक्षा की जा सके।

नेपाल में विमानन सुरक्षा का सुधार

नेपाल में विमानन सुरक्षा का सुधार

नेपाल के विमानन सुरक्षा इतिहास को सुधारने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों को अपनाना अनिवार्य है। नेपाल की सरकार और विमानन प्राधिकरण को इन मानकों को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

मौजूदा तकनीकी व्यवस्थाओं का उन्नयन, पायलट्स की प्रशिक्षण गुणवत्ता में सुधार और उड़ान के दौरान सभी आवश्यक उपकरणों की जांच मुख्य बिंदु होने चाहिए। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की सलाह लेना भी बेहद महत्वपूर्ण है।

इस प्रकार के सामूहिक प्रयास ही नेपाल को सुरक्षित विमानन गंतव्य बना सकते हैं और अंतर्राष्ट्रीय यात्री विश्वास को बहाल कर सकते हैं।

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Sanjana Sharma

द्वारा Sanjana Sharma