काश पटेल एक जाना-माना नाम बन चुके हैं, जो अपनी बेबाक सोच और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रति अपनी निस्वार्थ भक्ति के लिए जाने जाते हैं। उनके एफबीआई निदेशक पद के लिए नामांकन के समय से ही वे सुर्खियों में छाए हुए हैं। हाल ही में हुई सीनेट की पुष्टि सुनवाई में पटेल ने अपनी माता-पिता के प्रति अपने आदर और भारतीय परंपरा के प्रतीक के रूप में उनके पैर छुए। यह घटना खासकर भारतीय समुदाय में गहरी प्रशंसा बटोर रही है, क्योंकि यह उनके जड़ों से अटूट संबंध की झलक दिखाती है।
काश पटेल का जन्म उन माता-पिता से हुआ जो भारतीय संस्कारों के साक्षी थे। उनके पिता, प्रमोद पटेल, उगांडा से भाग कर अमेरिका आए थे, जहां उन्होंने ईदी अमीन के खिलाफ संघर्ष किया था। उनकी माता, अंजना पटेल, का जन्म तंजानिया में हुआ था। उनका विवाह भारत में हुआ और वे अमेरिका में आकर बसे। न्यूयॉर्क में काश का पालन-पोषण हुआ, जहां उनका परिवार एक संयुक्त परिवार में रहा, जिसमें उनके पिता के सात भाई-बहन उनके जीवन का हिस्सा थे।
भारतीय विरासत से जुड़े उनके माता-पिता के अनुभवों ने काश के व्यक्तित्व को गढ़ा। उनके माता-पिता ने 1970 के दशक में कनाडा का रुख किया ताकि वे भारतीय विरोध का सामना कर सकें। उनका यह संघर्ष काश के जीवन में कई तरह से परिलक्षित होता है, जिसमें उनके काम के प्रति गहरी निष्ठा, अनुशासन और ईमानदारी के मूल्य शामिल हैं।
काश पटेल की यह यात्रा केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि कई पीढ़ियों की कहानी है। भारतीय मूल के अमेरिकी होते हुए, उन्होंने जिस प्रकार से सीनेट समिति के सामने अपने माता-पिता का अभिनंदन किया, उसने उनके सांस्कृतिक मूल्यों और अच्छे संस्कारों को उजागर किया। उन्होंने 'जय श्री कृष्ण' का उद्घोष करके अपने अध्यात्म और परंपरा से जुड़े होने का संदेश दिया। उनकी बहन निशा ने भी इस महत्वपूर्ण अवसर पर काश का समर्थन किया।
जब सीनेट की पुष्टि सुनवाई के दौरान काश पटेल के माता-पिता के पैर छूने का मार्मिक दृश्य वायरल हुआ, तो लोगों ने उसे व्यापक सराहना दी। यह पटेल परिवार में सिले हुए उन मूल्यों की गहराई का प्रतीक है, जो भारतीय मूल के समुदाय के लिए कुछ खास दर्शाता है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे कोई व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहकर भी राजनीतिक क्षेत्र में ऊँचाई हासिल कर सकता है।
काश पटेल की कहानी भारतीय मूल के अमेरिकियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अपनी संस्कृति को संजोए रखते हुए, अमेरिकी समाज में अपनी पहचान का विस्तार कर रहे हैं। उनके इस कदम ने यह दिखाया है कि संस्कृतियां एवं परंपराएं हमारी वैश्विक स्थिति को और भी मजबूत बनाती हैं।
काश पटेल एफबीआई निदेशक भारतीय मूल अमेरिकी राजनीति