आयरलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की, जॉर्डन नील बने आयरलैंड के सबसे युवा टेस्ट डेब्यूटेंट

आयरलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की, जॉर्डन नील बने आयरलैंड के सबसे युवा टेस्ट डेब्यूटेंट
20 नवंबर 2025 Sanjana Sharma

सिलहट के सिलहट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में शुरू हुए बांग्लादेश और आयरलैंड के बीच पहले टेस्ट मैच में आयरलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया—एक ऐसा निर्णय जिसके पीछे उनकी टीम के युवा बल्लेबाजों के लिए एक नया अध्याय शुरू हो रहा था। और वो अध्याय न सिर्फ टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हुआ, बल्कि आयरलैंड के लिए एक नया रिकॉर्ड भी बन गया। 20 साल और 3 महीने के जॉर्डन नील ने अपने पहले टेस्ट मैच में प्रवेश किया, और इस तरह वो आयरलैंड के सबसे युवा टेस्ट डेब्यूटेंट बन गए। ये निश्चित रूप से कोई साधारण डेब्यू नहीं था। इस बार उनके साथ डेब्यू किया केड कार्माइकल और बांग्लादेश की तरफ से हसन मुराद—तीनों ने एक ही मैच में अपनी पहचान बनाने का मौका पाया।

पहले टेस्ट में बांग्लादेश का विजयी अभियान

लेकिन डेब्यू की खुशी के बीच आयरलैंड को एक कठोर सच्चाई का सामना करना पड़ा। बांग्लादेश ने अपनी पहली पारी में 587/8 रन बनाए, जिसमें महमूदुल हसन जॉय ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ 171 रन बनाए। उनकी बल्लेबाजी ने बांग्लादेश को एक ऐसा लाभ दिलाया जिसका आयरलैंड ने उत्तर नहीं दे सका। आयरलैंड की पहली पारी में केवल 286 रन हुए, जिसमें पॉल स्टिर्लिंग ने 60 रन बनाए। दूसरी पारी में भी वो 254 रन पर रुक गए, जिसके बाद बांग्लादेश ने एक पारी और 47 रन से जीत दर्ज की।

ये जीत बांग्लादेश के लिए आयरलैंड के खिलाफ टेस्ट इतिहास में दूसरी जीत थी—पहली जीत 2023 में आई थी। आयरलैंड अभी तक इन दोनों टेस्ट मैचों में हारा है। अगर ये आंकड़ा आपको अजीब लग रहा है, तो याद रखें: आयरलैंड ने 2018 में ही अपना पहला टेस्ट खेला। वहीं बांग्लादेश 2000 से फुल मेंबर है। ये सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक अलग युग की तुलना है।

दूसरे टेस्ट में मुशफिकुर रहीम का 100वां टेस्ट, और लिटन दास का शानदार रिकॉर्ड

पहले टेस्ट के बाद दूसरा मैच ढाका के शेरे बांगला नेशनल क्रिकेट स्टेडियम में शुरू हुआ। यहां एक ऐसा व्यक्ति था जिसका नाम अब इतिहास में दर्ज हो गया: मुशफिकुर रहीम। उन्होंने अपना 100वां टेस्ट खेला—बांग्लादेश के लिए ये एक ऐतिहासिक पल था। उन्होंने अपने 99वें टेस्ट में 946 रन बनाए थे। अब इस बार, उन्होंने 106 रन बनाए। और ये रन उनके लिए बस एक शतक नहीं था। वो दुनिया के 11वें बल्लेबाज बन गए जिन्होंने अपने 100वें टेस्ट में शतक जड़ा।

उनके साथ शामिल हुए लिटन दास ने 128 रन बनाए। और यहां एक अद्भुत बात हुई: बांग्लादेश की पारी में चौथे, पांचवें और छठे विकेट के बीच लगातार तीन शतकीय साझेदारी हुईं। ये टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल तीसरी बार हुआ। बांग्लादेश ने 476 रन बनाए, और आयरलैंड की पारी शुरू हुई तो वो 98/5 पर रुक गई। पॉल स्टिर्लिंग ने 27 रन बनाए, लेकिन बाकी बल्लेबाज जल्दी ही आउट हो गए।

एंडी मैकब्राइन: आयरलैंड का एकमात्र चमकता तारा

आयरलैंड के लिए एकमात्र चमक थी एंडी मैकब्राइन। उन्होंने बांग्लादेश की पहली पारी में 6 विकेट लिए—109 रन के बदले। ये उनका दूसरा छह-विकेट का हैट्रिक था, और दोनों ही शेरे बांगला नेशनल क्रिकेट स्टेडियम में। पहला 2023 में था। ये एक अद्भुत उपलब्धि है। एक ऐसा गेंदबाज जो अपने टीम के लिए एकमात्र अवसर बन रहा है। उनकी बल्लेबाजी में भी शानदार शुरुआत हुई थी—2023 में उन्होंने टेस्ट डेब्यू पर शतक जड़ा था। लेकिन अब वो एक ऐसे टीम के हिस्से हैं जो बाहर जाकर भी नहीं जीत पा रही।

बांग्लादेश का खेल और आयरलैंड का भविष्य

बांग्लादेश का खेल और आयरलैंड का भविष्य

ये सीरीज बांग्लादेश के लिए 2025-26 के घरेलू सीजन का हिस्सा थी, और इसका टाइटल स्पॉन्सर था डच-बांग्ला बैंक। लेकिन ये सिर्फ एक स्पॉन्सरशिप नहीं थी। ये एक संकेत था कि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) अब टेस्ट क्रिकेट को गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने इस सीरीज के लिए दो मैचों की योजना बनाई, और दोनों ही लंबे समय तक चले। दूसरे टेस्ट का अंत 23 नवंबर को होना था। अगर बांग्लादेश दूसरे मैच में भी जीत जाता है, तो ये सीरीज 2-0 से उनके नाम हो जाएगी।

आयरलैंड के लिए ये एक अलग दौर है। उन्होंने 2018 में टेस्ट क्रिकेट में प्रवेश किया। अब उनके युवा खिलाड़ी दुनिया के सबसे कठिन मैदानों पर खेल रहे हैं। जॉर्डन नील के साथ अब आयरलैंड के लिए एक नई पीढ़ी आ रही है। लेकिन उनकी टीम को अभी भी एक बड़ा चुनौतीपूर्ण रास्ता तय करना है।

पिछले मुकाबले और इतिहास

2023 में जब ये दोनों टीमें आमने-सामने थीं, तो आयरलैंड ने दूसरी पारी में 51/5 की बुरी स्थिति में जाकर लॉरकन टकर और एंडी मैकब्राइन की मदद से 108 रन बनाए। टकर ने अपने टेस्ट डेब्यू पर शतक जड़ा—टेस्ट इतिहास में केवल छठे विकेटकीपर जिन्होंने ये किया। लेकिन अब वो अपनी बल्लेबाजी की तरह गेंदबाजी भी नहीं कर पा रहे हैं।

ODI और T20I में बांग्लादेश का बहुत बड़ा बढ़त है। ओडीआई में 11-2, T20I में 5-2। लेकिन टेस्ट में बांग्लादेश का जीत का अनुपात 1-0 है। ये बात बताती है कि टेस्ट क्रिकेट एक अलग खेल है। जहां बांग्लादेश के बल्लेबाज लंबे समय तक बल्लेबाजी कर सकते हैं, वहीं आयरलैंड को अभी भी यह सीखना है कि कैसे एक लंबे मैच में बचे रहें।

अगला कदम क्या है?

अगला कदम क्या है?

दूसरा टेस्ट 23 नवंबर को खत्म होगा। अगर बांग्लादेश जीत जाता है, तो ये सीरीज 2-0 से उनके नाम हो जाएगी। आयरलैंड के लिए अब ये सवाल उठता है: क्या वो अपने युवा खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार कर पाएंगे? क्या जॉर्डन नील और केड कार्माइकल अगले टेस्ट में और अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे? और क्या एंडी मैकब्राइन अपने गेंदबाजी के साथ टीम को बचा पाएंगे?

एक बात तय है: आयरलैंड का टेस्ट क्रिकेट अभी एक नवजात है। और इस नवजात को बड़ा होने के लिए अभी बहुत दूर तक चलना है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

जॉर्डन नील आयरलैंड के सबसे युवा टेस्ट डेब्यूटेंट कैसे बने?

जॉर्डन नील ने 20 साल और 3 महीने की उम्र में टेस्ट डेब्यू किया, जो आयरलैंड के इतिहास में सबसे कम उम्र का डेब्यूटेंट है। पिछला रिकॉर्ड 2007 में एंड्रयू लिंडले का था, जो 20 साल 8 महीने के थे। नील की उम्र और उनके घरेलू क्रिकेट के अनुभव ने उन्हें चुना गया, जिसमें उन्होंने आयरलैंड के अंडर-19 टीम के लिए भी अच्छा प्रदर्शन किया।

मुशफिकुर रहीम के 100वें टेस्ट में क्या खास बात हुई?

मुशफिकुर रहीम दुनिया के 11वें बल्लेबाज बने जिन्होंने अपने 100वें टेस्ट में शतक जड़ा। उन्होंने दूसरे दिन के पहले ओवर में शतक पूरा किया, जब वो रात भर 99 पर बने थे। उनके शतक के बाद लिटन दास ने अगले गेंद पर ही अपना आधा शतक पूरा किया, जो एक अद्भुत दृश्य था।

एंडी मैकब्राइन के छह विकेट क्यों इतने महत्वपूर्ण हैं?

मैकब्राइन के दोनों छह-विकेट के हैट्रिक शेरे बांगला नेशनल स्टेडियम में ही आए हैं—2023 और 2025। ये एक अद्वितीय उपलब्धि है। उन्होंने इस मैदान पर दोनों बार बांग्लादेश के बल्लेबाजों को बर्बर तरीके से आउट किया। ये टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में कम ही किसी गेंदबाज को एक ही स्टेडियम पर दो बार ऐसा करने का मौका मिला है।

आयरलैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में चुनौती क्या है?

आयरलैंड ने 2018 में टेस्ट क्रिकेट शुरू किया, लेकिन अभी तक उन्होंने एक भी टेस्ट नहीं जीता। उनके बल्लेबाज लंबे समय तक बल्लेबाजी नहीं कर पाते, और गेंदबाजी भी अक्सर टूट जाती है। ये उनकी टीम का सबसे बड़ा अभाव है—लंबे समय तक खेलने की क्षमता।

बांग्लादेश के लिए इस सीरीज का क्या महत्व है?

ये सीरीज बांग्लादेश के लिए घरेलू टेस्ट क्रिकेट को मजबूत करने का एक तरीका है। उन्होंने इसे डच-बांग्ला बैंक के साथ स्पॉन्सर किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे टेस्ट क्रिकेट को लंबे समय तक बरकरार रखना चाहते हैं। यह उनके लिए एक रणनीतिक निर्णय है, जो अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को आकर्षित करने का भी एक तरीका है।

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Sanjana Sharma

द्वारा Sanjana Sharma

12 टिप्पणि

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    Vikash Kumar

    नवंबर 22, 2025 AT 16:51

    ये आयरलैंड वाले तो टेस्ट क्रिकेट में घुसे ही नहीं पाए, बल्कि घुसने की कोशिश भी नहीं की।

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    Siddharth Gupta

    नवंबर 23, 2025 AT 02:56

    जॉर्डन नील का डेब्यू तो देखकर दिल भर गया, बस एक छोटा सा बच्चा जैसे आ गया और दुनिया के सबसे ज़बरदस्त मैदान पर खड़ा हो गया। अब बस इतना चाहिए कि इस लड़के को गलती करने का मौका मिले, न कि उसे निकाल दिया जाए। ये टेस्ट क्रिकेट नहीं, ये जीवन का टेस्ट है।

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    Anoop Singh

    नवंबर 25, 2025 AT 01:21

    अरे भाई, आयरलैंड को टेस्ट खेलने का हक देना ही गलत था, वो तो ODI में भी टक्कर नहीं दे पाते, अब टेस्ट में आ गए? बांग्लादेश के बल्लेबाज तो आधे घंटे में आयरलैंड के पूरे टीम को रोक देते हैं।

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    Omkar Salunkhe

    नवंबर 25, 2025 AT 11:16

    एंडी मैकब्राइन तो अच्छा है पर उसके छह विकेट भी क्या बात है? बांग्लादेश के बल्लेबाज तो आधे ओवर में बाहर हो गए, वरना उसके 10 विकेट भी निकल जाते। और हां, लिटन दास का 128? वो तो बस बांग्लादेश के बल्लेबाजी के लिए एक बुलेट प्रूफ बैट था।

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    raja kumar

    नवंबर 27, 2025 AT 06:09

    आयरलैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट एक नई शुरुआत है, और जॉर्डन नील जैसे लड़के इसके लिए आशा के दीपक हैं। बांग्लादेश ने जीत दर्ज की, लेकिन आयरलैंड की टीम के अंदर एक नया आत्मविश्वास जाग रहा है। ये जीत या हार नहीं, ये एक यात्रा है।

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    Sumit Prakash Gupta

    नवंबर 27, 2025 AT 19:18

    मुशफिकुर रहीम का 100वां टेस्ट एक एक्सपोनेंशियल लीडरशिप मूव है। उनका शतक एक सिस्टमिक बैलेंसिंग फैक्टर था जिसने टीम के कल्चरल न्यूरोसिस को स्टेबलाइज किया। लिटन दास की साझेदारी ने टाइम-सीरीज डेटा को री-एन्कोड किया।

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    Bhavesh Makwana

    नवंबर 28, 2025 AT 08:14

    इस मैच के बाद मैंने सोचा कि क्रिकेट बस एक खेल नहीं, ये तो जीवन का एक दर्पण है। जॉर्डन नील ने अपने पहले दिन में बहुत कुछ सीख लिया, और एंडी मैकब्राइन ने अपने गेंदबाजी से एक छोटी सी आत्मा को जिंदा रखा। ये जीत या हार नहीं, ये बस एक बड़ा संदेश है।

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    Vidushi Wahal

    नवंबर 28, 2025 AT 09:53

    मुशफिकुर रहीम के शतक के बाद जब लिटन दास ने तुरंत आधा शतक पूरा किया, तो मैं रो पड़ी। ऐसा लगा जैसे दो दोस्त एक साथ एक बड़ी चुनौती पार कर रहे हों।

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    Narinder K

    नवंबर 30, 2025 AT 07:22

    आयरलैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट जैसे एक नए शहर में घुसना जहां सब रास्ता जानते हैं, और तुम्हें बस एक नक्शा दिया गया है। अब तो बस इतना है कि तुम रास्ता खो जाओ।

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    lakshmi shyam

    नवंबर 30, 2025 AT 10:14

    आयरलैंड के ये लोग तो टेस्ट में आए ही क्यों? उन्हें तो बस घर पर बैठकर टीवी देखना चाहिए था। ये लोग तो बल्ला भी ठीक से नहीं घुमा पाते।

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    Sabir Malik

    नवंबर 30, 2025 AT 19:34

    मैं तो बस यही कहना चाहता हूं कि जब आयरलैंड के युवा खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में उतरे, तो उनके चेहरे पर डर नहीं, बल्कि आशा थी। और जब एंडी मैकब्राइन ने छह विकेट लिए, तो मैंने सोचा-ये लड़का अपनी टीम का एकमात्र रास्ता है। ये खेल बस रन और विकेट का नहीं, ये दिलों का खेल है। जॉर्डन नील को अगली बार देखने का इंतज़ार है, और मैं उसे देखने के लिए तैयार हूं।

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    Debsmita Santra

    दिसंबर 1, 2025 AT 13:44

    मुशफिकुर रहीम का 100वां टेस्ट एक लीडरशिप एक्सपेरिमेंट था, जिसमें उन्होंने टीम के कल्चरल फ्रेमवर्क को री-डिज़ाइन किया। लिटन दास और उनकी साझेदारी ने एक नए ऑपरेशनल प्रोटोकॉल को लागू किया, जिसने बांग्लादेश के बल्लेबाजी इकोसिस्टम को री-एनर्जाइज किया। ये टेस्ट क्रिकेट नहीं, ये एक सिस्टम इनोवेशन है।

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