Hexaware Technologies का स्टॉक मार्केट में सीधा प्रवेश, मामूली लाभ के साथ शुरूआत

Hexaware Technologies का स्टॉक मार्केट में सीधा प्रवेश, मामूली लाभ के साथ शुरूआत

भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवाओं की कंपनी, Hexaware Technologies ने 2025 में स्टॉक मार्केट में फिर से प्रवेश किया, जब उन्होंने 2020 में डीलिस्टिंग का निर्णय लिया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कंपनी के शेयर ₹745.50 पर खुले, जो ₹708 के इशू प्राइस से 5.3% का प्रीमियम था। वहीं, बीएसई पर सूचीबद्ध होने पर इसका प्रीमियम 3.25% था, जो ₹731 रहा।

यह आईपीओ ₹8,750 करोड़ का रहा, जो किसी भारतीय आईटी सेवा कंपनी द्वारा सबसे बड़ा आईपीओ था, लेकिन इसे निवेशकों से मिश्रित प्रतिक्रिया मिली। हालांकि, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) ने अपने कोटे को 9.09 गुना ओवरसब्सक्राइब किया, वहीं रिटेल निवेशकों ने अपनी रुचि बहुत कम दिखाई। उन्हें अपने कोटे के लिए सिर्फ 0.11 गुना की सब्सक्राइबरशिप मिली।

कंपनी के प्रमोटर सीए मैग्नम होल्डिंग्स ने 12.35 बिलियन शेयरों का ऑफर फॉर सेल दिया। आईपीओ की प्रक्रिया का प्रबंधन Kfin टेक्नोलॉजीज़ ने किया, जबकि कोटक महिंद्रा कैपिटल और अन्य कंपनियाँ प्रमुख प्रबंधक के रूप में शामिल रहीं।

निवेशकों की प्रतिक्रिया

हालांकि ग्रे मार्केट में फ्लैट प्राइसिंग की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन Hexaware की सूचीबद्धता इन अपेक्षाओं से बेहतर साबित हुई, जो निवेशकों में सधी हुई आशा का संकेत देती है। इस मौके पर कंपनी के CEO आर श्रीकृष्ण ने पारदर्शिता और शेयरधारकों के साथ संवाद बढ़ाने की महत्वत्ता पर जोर दिया। दूसरी ओर, Carlyle के पैट्रिक मैकार्टर ने इसे पिछले दशक का सबसे बड़ा टेक सर्विसेज आईपीओ बताते हुए इसके वैश्विक महत्व को रेखांकित किया।

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