शनिवार की सुबह गुरुग्राम जिला प्रशासन को एक ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें सभी मॉल्स को बम विस्फोट की धमकी दी गई थी। समय करीब 10 बजे का था जब यह खबर फैली और प्रशासन ने तुरंत सक्रिय होकर हर मॉल में सुरक्षा जांच की मांग की।
जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, डॉग स्क्वॉड, और सिविल डिफेंस टीम को तुरंत बुलाया गया। इन सभी सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर सभी मॉल्स में बारीकी से जांच शुरू की। सिविल डिफेंस टीम के प्रमुख मोहित शर्मा ने सर्च ऑपरेशन शुरू होने की पुष्टि की।
सबसे पहले डीएलएफ मॉल ऑफ़ इंडिया, सेक्टर 18, नोएडा में सुरक्षा ऑपरेशन शुरू हुआ। मॉल में मौजूद लोगों को एहतियातन बाहर निकाल दिया गया। समाजिक मीडिया पर अविनाश ने जानकारी दी कि वो फिल्म देख रहे थे जब मॉल खाली करवाने की घोषणा की गई। बाद में यह सामने आया कि यह एक पूर्व-निर्धारित सुरक्षा ड्रिल थी।
इसके बाद, अंबिएंस मॉल, गुरुग्राम में भी बम निरोधक दस्ते और फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची। वहां भी हर संभव सावधानी बरती गई और मॉल में बारीकी से खोजी गई।
विस्तृत जांच के बाद प्रशासन ने बताया कि कहीं भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली और सारे मॉल्स सुरक्षित पाए गए। इस घटना से पहले, 1 मई को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई स्कूलों को भी इसी प्रकार की बम धमकियों का सामना करना पड़ा था, जो बाद में गलत साबित हुईं।
इस घटना ने एक बार फिर से सुरक्षा ड्रिल और उच्च सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के महत्व को उजागर किया। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे अभ्यास अनिवार्य हैं।
जांच के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, मॉल प्रशासन ने घोषणा की कि मॉल पूरी तरह से चालू हैं और वहां आने वालों को किसी भी पुनरावृत्ति का डर नहीं होना चाहिए।
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