Waaree Energies Ltd के आईपीओ का शानदार आगाज़ सोमवार को हुआ। सिर्फ़ तीन घंटे के भीतर यह पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया और इसने शेयर बाजार में एक नई धूम मचा दी। इस आईपीओ की शुरुआती सफलता ने निवेशकों और बाजार के विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। Waaree Energies ने ₹4,321 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित करते हुए इस आईपीओ को बाजार में भेजा था। शेयर का मूल्य बैंड ₹1,427 से ₹1,503 तय किया गया था, जिससे निवेशकों को नौ शेयरों के एकल लॉट में बोली लगाने की अनुमति मिली। इस आईपीओ की समाप्ति तिथि 23 अक्टूबर निर्धारित की गई है।
सोमवार को दोपहर 12:40 बजे तक, NSE के आंकड़ों के अनुसार, 3.27 करोड़ शेयरों की बोली प्राप्त हो चुकी थी जबकि केवल 2.10 करोड़ शेयरों की पेशकश की गई थी। यह दिखाता है कि पब्लिक और गैर-संस्थागत निवेशकों ने Waaree Energies के इस प्रयास में खास रुचि दिखाई। रिटेल व्यक्तिगत निवेशकों (RIIs) की श्रेणी में 1.70 गुना और गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में 3.33 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ। हालांकि, योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) के लिए निर्धारित कोटा अब भी खाली था, जो संभावित रूप से आगे बढ़ने पर बड़ी भागीदारी की उम्मीद कर रहा है।
कर्मचारियों के लिए निर्धारित हिस्से में 0.83 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ, जो पहले दिन के हिसाब से एक अच्छा संकेत है। ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) के अनुसार, Waaree Energies की स्थिति काफी मजबूत रही। GMP ₹1,480 पर खड़ा रहा, जो कि शुरुआती बाजार मूल्यांकन के मुकाबले 98.47% का प्रीमियम दर्शाता है। यह प्रीमियम संभावित निवेशकों के लिए कंपनी के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है और इसे और आगे बढ़ा सकता है।
Waaree Energies इस आईपीओ के जरिए जुटाए गए धन को विशेषतौर पर अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोग करेगी। इस धन का इस्तेमाल ओडिशा में 6 गीगावाट निर्माण सुविधा के लिए होगा, जहां इन्गट, वेफर, सौर सेल और PV मॉड्यूल निर्मित किए जाएंगे। इसके अलावा कंपनी की योजना कुछ धन को सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल करने की है। Waaree Energies गुजरात में सूरत, टुंब, नांदिग्राम और चिखली और उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित इंडोसोलर फैसिलिटी में अपनी उत्पादन इकाइयाँ संचालित करती है।
भारत के सौर मॉड्यूल निर्यात बाजार में Waaree Energies का 44% बाजार हिस्सा है, जो इस क्षेत्र में उसकी मजबूत स्थिति को स्पष्ट करता है। कंपनी की बाजार शक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसका ऑर्डर बुक 19.9 गीगावाट का है और वित्तीय वर्ष 2024 में उसने एक्सपोर्ट मार्केट से ₹6,500 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया है।
इस आईपीओ के लिए शेयर आवंटन की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर घोषित की गई है। BSE और NSE पर सूचीबद्ध होने की संभावित तिथि 28 अक्टूबर 2024 तय की गई है, जो इस फंड रेजिंग अभियान को अंतिम रूप देगी। इस मुद्दे को संचालित करने वाले बुक-रनिंग लीड मैनेजरों में Axis Capital, IIFL Securities, Jefferies India, Nomura Financial Advisory और Securities (India) Private Ltd, SBI Capital Markets, Intensive Fiscal Services, और ITI Capital शामिल हैं।
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