पेरिस 2024 पैरालंपिक्स में भारतीय एथलीट निश्चय कुमार ने पुरुष हाई जंप T47 में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक अपने नाम किया। 24 वर्षीय निश्चय ने 2.04 मीटर की ऊंचाई को आसानी से पार किया, लेकिन 2.08 मीटर की ऊंचाई पार करने में सफल नहीं हो पाए। इस मुकाबले में स्वर्ण पदक अमेरिका के रोड्रिक टाउनसेंड ने जीता, जिन्होंने 2.08 मीटर की ऊंचाई अपने पहले प्रयास में ही पार कर ली।
निश्चय कुमार के लिए यह पहला पैरालंपिक पदक नहीं है। उन्होंने पहले भी टोक्यो 2020 पैरालंपिक्स में पुरुष हाई जंप T47 में रजत पदक जीता था, जिसमें उन्होंने 2.06 मीटर की छलांग लगाकर एक नया एशियाई रिकॉर्ड स्थापित किया। इससे पहले भी उन्होंने 2022 एशियन पैरा गेम्स में हांगझू, चीन में स्वर्ण पदक जीता था। इतना ही नहीं, उन्होंने 2023 की विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीता था, जिसमें उन्होंने 2.09 मीटर की ऊंचाई पार की थी।
निश्चय कुमार का यह अद्वितीय सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। निश्चय ने अपनी शुरुआती जिंदगी में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनका समर्पण और कड़ी मेहनत आज उन्हें इस मुकाम पर लेकर आई है। एक छोटे से गांव में जन्मे निश्चय ने बचपन से ही आउटडोर स्पोर्ट्स में रुचि दिखाई और उनकी मेहनत ने आज उन्हें पैरा एथलेटिक्स में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
निश्चय कुमार का आज का प्रदर्शन उनकी वर्तमान फिटनेस और उनकी एकाग्रता को दर्शाता है। उन्होंने अपने कोच और पैरा एथलेटिक्स संघ की भी प्रशंसा की और उनकी मेहनत को श्रेय दिया। निश्चय ने कहा, "यह पदक सिर्फ मेरा नहीं है, बल्कि मेरे कोच, ट्रेनर्स और मेरे परिवार का भी है जिन्होंने हर मौके पर मुझे समर्थन किया।" उनकी इस भावना ने दर्शाया कि खेल केवल व्यक्तिगत नहीं, सामूहिक प्रयास का परिणाम होता है।
पेरिस 2024 पैरालंपिक्स में भारत के पदकों की गिनती लगातार बढ़ती जा रही है और इसमें निश्चय कुमार का योगदान विशेष रूप से सराहनीय है। उनकी सफलता से भारत के पैरा एथलीट्स के प्रति समर्थन और सम्मान में वृद्धि हुई है। यह न केवल उनके द्वारा जीते गए पदकों की गिनती है, बल्कि उनका प्रदर्शन अगली पीढ़ी के एथलीट्स के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
परंपरागत रूप से, भारत में पैरा एथलेटिक्स को वह प्रतिष्ठा और मान्यता नहीं मिली थी, जो अन्य खेलों को मिलती है। लेकिन अब निश्चय जैसे एथलीट्स के उम्दा प्रदर्शन ने इस परिदृश्य को बदल दिया है। भारत अब पैरा एथलेटिक्स में भी दुनियाभर में अपनी पहचान बना रहा है और यह निश्चय कुमार जैसे खिलाड़ियों की कोशिशों का नतीजा है।
निश्चय कुमार ने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य पाना संभव है। आने वाले महीनों और सालों में, वह और भी अधिक कड़ी मेहनत करेंगे और देश के लिए और भी अधिक पदक जीतेंगे। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा बनेगी जो किसी न किसी रूप में संघर्ष कर रहे हैं। निश्चय की सफलता से स्पष्ट है कि जहां चाह, वहां राह। अपनी आगामी प्रतियोगिताओं के लिए निश्चय ने कहा, "मैं हर दिन अपने को और अधिक बेहतर बनाने की कोशिश करूंगा और देश के लिए और पदक जीतूंगा।"
अंततः, निश्चय कुमार ने यह सिद्ध कर दिया है कि सच्ची मेहनत और समर्पण कभी भी व्यर्थ नहीं जाते। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उनके द्वारा जीता गया यह रजत पदक उन तमाम लोगों के लिए भी एक साधन है, जो अपने जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहते हैं।
पेरिस 2024 पैरालंपिक्स निश्चय कुमार हाई जंप T47 भारत के पदक