अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की आज रात होने वाली बैठक में ब्याज दर पर निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक पर न केवल अमेरिकी बल्कि वैश्विक बाजार की नज़रें टिकी होंगी। फेडरल रिज़र्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल इस महत्वपूर्ण बैठक में ब्याज दर के भविष्य के बारे में जानकारी देंगे, खासकर सितंबर में संभावित दर कटौती के संदर्भ में। बाजार विश्लेषकों को उम्मीद है कि फेडरल रिज़र्व ब्याज दर को स्थिर रख सकता है, लेकिन 2024 में दर कटौती की संभावना पर नजर रखी जा रही है।
सीएमई के फेडवॉच टूल के मुताबिक, बुधवार की बैठक के अंत तक दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की एक मामूली संभावना है। हालांकि, इसके लिए कई आर्थिक संकेतकों को ध्यान में रखना होगा। अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के हालिया गिरावट के आंकड़े भी इस निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं। जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 0.1% गिरा, जबकि डॉव जोन्स के अनुमानों के अनुसार 0.1% की बढ़ोतरी की उम्मीद थी। इसके साथ ही वार्षिक मुद्रास्फीति दर 3% रही, जो अनुमानित 3.1% से कम थी।
यह भी महत्वपूर्ण है कि अमेरिकी मजदूर रोजगार में वृद्धि के सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। जून में नॉनफार्म पेरोल्स 206,000 बढ़ गए, जो बाजार की अपेक्षाओं से अधिक था। SAMCO सिक्योरिटीज के मार्केट पर्सपेक्टिव्स और रिसर्च हेड अपूर्व शेट के अनुसार, अमेरिकी मुद्रास्फीति अभी भी 2% से ऊपर है और जीडीपी वृद्धि दूसरी तिमाही में 2.8% पर स्थिर है। इसका मतलब है कि तत्काल दर कटौती की जरुरत नहीं है।
मुद्रास्फीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा प्रभाव डाल रही है। जून में उपभोक्ता कीमतों में मामूली गिरावट दरअसल बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हो सकते हैं। यह दर्शाता है कि मुद्रास्फीति के नियंत्रण में आने की संभावना है। हालांकि, अभी भी मुद्रास्फीति 2% के ऊपर है, जो कि फेडरल रिज़र्व के लक्षित सीमा से अधिक है। यह वैश्विक निवेशकों के लिए एक चिंताजनक संकेत हो सकता है, खासकर वे जो अमेरिकी बाजार में निवेश कर रहे हैं।
दूसरी तिमाही में 2.8% की जीडीपी वृद्धि एक स्थिर आर्थिक बढ़ोतरी का संकेत देती है। इस वृद्धि का समर्थन नॉनफार्म पेरोल्स के मजबूत प्रदर्शन से हुआ है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सकारात्मक स्थिरता दर्शाती है। इस वृद्धि के बावजूद, फेडरल रिज़र्व को मुद्रास्फीति के उच्च स्तर के कारण ब्याज दर निर्धारित करते समय सावधानी बरतनी होगी।
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार सहभागियों ने सितंबर में दर कटौती की संभावना को ध्यान में रखते हुए अपने व्यापारिक रणनीतियों को तैयार करना शुरू कर दिया है। यह भी संभावना है कि अगर आर्थिक स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है तो पॉवेल और उनकी टीम अगले महीने दर में कटौती के प्रति अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।
फेडरल रिज़र्व की इस बैठक के मद्देनज़र, वैश्विक और अमेरिकी बाजारों में उत्तेजना है। अगले कुछ महीनों में, अगर आर्थिक रुझान वर्तमान के समान बने रहते हैं, तो बाजार 2024 की शुरुआत में दर कटौती की उम्मीद कर सकते हैं।
फेडरल रिज़र्व की मौजूदा स्थिति और आर्थिक संकेतकों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश निर्णय सोच- समझ कर लें। वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि वर्तमान समय में लघु अवधि के निवेश से बचना चाहिए और अधिकतर लंबी अवधि के सुरक्षित निवेशों पर ध्यान देना चाहिए।
वर्तमान समय में आर्थिक मिश्रण को समझना महत्वपूर्ण होगा। उच्च मुद्रास्फीति और सकारात्मक जीडीपी वृद्धि यह संकेत देती हैं कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था दबाव में नहीं है। लेकिन अगर मुद्रास्फीति 2% से ऊपर रहती है, तो फेडरल रिज़र्व और अधिक निर्णायक कदम उठाने पर विचार कर सकता है।
अंत में, फेडरल रिज़र्व की आज की बैठक आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। इस बैठक पर न केवल अमेरिकी बल्कि पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। आगे आने वाले महीनों में, अगर किसी प्रकार के आर्थिक संकट या मुद्रास्फीति में कमी नहीं होती है, तो फेडरल रिज़र्व दर कटौती के अपने फैसले को टाल सकता है। बाजार सहभागियों के लिए इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि वे फेडरल रिज़र्व की सभी घोषणाओं और संकेतों पर नज़र रखे और उसी के अनुसार अपनी निवेश रणनीतियां बनाएं।
US Federal Reserve ब्याज दर जेरोम पॉवेल आर्थिक रुझान