भारत हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाता है, जो 1999 में कारगिल युद्ध में भारत की जीत का उत्सव है। यह दिन उन बहादुर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने उच्च ऊंचाई पर लड़े गए इस संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी। कारगिल विजय दिवस का महत्व हमारे सैनिकों की वीरता, साहस और बलिदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण क्षण बनाता है और देशभर में विभिन्न आयोजनों और समारोहों के माध्यम से इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
कारगिल शहर का नाम बालती भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘कला में उत्कृष्ट’। यह शहर जम्मू और कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में स्थित है और युद्ध के दौरान यह एक महत्वपूर्ण सैन्य स्थान बन गया था। कारगिल का उच्च भू-भाग और रणनीतिक स्थिति इसे सैन्य दृष्टिकोन से बेहद महत्वपूर्ण बनाते हैं। १९९९ में यह क्षेत्र पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों द्वारा अतिक्रमित किया गया, जिसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया और सैनिकों ने अद्वितीय दृढ़ता और साहस के साथ उन अतिक्रमणकारियों को बाहर निकाल दिया।
कारगिल युद्ध के दौरान कई वीर जवानों ने अपने बलिदान और पराक्रम से देश का नाम रोशन किया। इनमें कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव, राइफलमैन संजय कुमार, और मेजर राजेश अधिकारी प्रमुख हैं, जिन्होंने अपनी अदम्य साहस और वीरता के लिए परमवीर चक्र प्राप्त किया। उनकी गाथाएँ आज भी देशवासियों के दिलों में जीवित हैं और नई पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं।
कारगिल विजय दिवस हमें न केवल उन वीर सैनिकों की याद दिलाता है जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाई, बल्कि यह दिवस राष्ट्र की एकता और संप्रभुता को भी मजबूती से स्थापित करता है। इस दिन देशभर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष समारोह, शैक्षिक गतिविधियाँ, और सैनिकों के सम्मान में अनेक आयोजन शामिल होते हैं। विशेषतः दिल्ली के इंडिया गेट और द्रास के कारगिल युद्ध स्मारक में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
कारगिल विजय दिवस न केवल एक राष्ट्रीय उत्सव है, बल्कि यह एक शिक्षण अवसर भी है। इस दिन विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहाँ युद्ध के बारे में जानकारी दी जाती है और उन वीर सैनिकों की कहानियाँ साझा की जाती हैं जिन्होंने अपने राष्ट्र की सेवा में अत्यधिक साहस और बलिदान दिखाया। इन कहानियों को सुनकर नई पीढ़ी न केवल प्रेरित होती है, बल्कि देशभक्ति और सेवा की भावना भी बढ़ती है।
कारगिल विजय दिवस की कहानियाँ हमारी राष्ट्रीय धरोहर का हिस्सा बन चुकी हैं और यह हर नागरिक के दिल में अद्वितीय स्थान रखती हैं। यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि किस प्रकार हमारे बहादुर सैनिकों ने चुनौतियों का सामना किया और देश की रक्षा की। उनकी वीरता और बलिदान की कहानियाँ भविष्य की पीढ़ियों को न केवल प्रेरणा देती हैं, बल्कि यह भी सिखाती हैं कि किस प्रकार कठिन समय में धैर्य और साहस से सफल हुआ जा सकता है।
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