ग्राहम थोर्प का जन्म 1 अगस्त 1969 को हुआ था। इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए उन्होंने 1993 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और जल्द ही टीम की ताकत का मुख्य हिस्सा बन गए। बतौर बल्लेबाज उनकी गिनती इंग्लैंड के सबसे विश्वसनीय खिलाड़ियों में होती थी। उनके संतुलित खेल और संयम ने उन्हें बल्लेबाजी का एक आदर्श बना दिया।
ग्राहम थोर्प ने 100 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 44.66 की औसत से 6,744 रन बनाए। उनके नाम 16 शतक और 39 अर्धशतक दर्ज हैं। उनका सबसे बेहतरीन टेस्ट स्कोर नाबाद 200 रन था। वहीं, वाइट बॉल क्रिकेट के फॉर्मेट में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। वनडे इंटरनेशनल में उनके 2,380 रन हैं, जिसमें औसत 37.18 था और इस दौरान उन्होंने 21 अर्धशतक लगाए।
ग्राहम थोर्प अपने करियर के कई महत्वपूर्ण लम्हों के लिए याद किए जाएंगे। 1998 में वह आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंचे थे, जो उनके करियर का एक उच्चतम मोमेंट था। उनकी बैटिंग का स्टाइल इतना संयमित और प्रशंसनीय था कि फैंस को उनसे हमेशा बड़ी पारियों की उम्मीद रहती थी।
हालांकि, क्रिकेट करियर को 2005 में अलविदा कहने के बाद भी उनका खेल के प्रति प्रेम कम नहीं हुआ। उन्होंने कोचिंग लाइन में कदम रखा और न्यू साउथ वेल्स, सरे और इंग्लैंड की पुरुष टीम के साथ जुड़े रहे। ग्राहम थोर्प की कोचिंग में इंग्लैंड ने 2019 में वर्ल्ड कप जीता था।
ग्राहम थोर्प ने अपने कोचिंग सफर की शुरुआत न्यू साउथ वेल्स और सरे की घरेलू टीम से की थी। उनके ट्रेनिंग टेक्निक और खेल का ज्ञान सिर्फ खिलाड़ियों को नहीं, बल्कि पूरी टीम को एक नयी ऊंचाई तक ले गया। 2019 में जब इंग्लैंड ने वर्ल्ड कप जीता, तो ग्राहक थोर्प भी कोचिंग टीम का हिस्सा थे, जिसे इंग्लैंड के क्रिकेट इतिहास का सबसे गौरवशाली पल माना जाता है।
इंगलैंड की टीम के साथ उनका जुड़ाव यहीं नहीं रुका। 2021/22 एशेज सीरीज तक वह इंग्लैंड टीम के सहायक कोच बने रहे। उनकी कुशलता और उनमें खेल के प्रति जोशीले रवैये का प्रभाव टीम पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
2022 में ग्राहम थोर्प को अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। लेकिन दुर्भाग्यवश, अपनी बीमारी के कारण वह इस भूमिका में शामिल नहीं हो सके। इस बीमारी ने न सिर्फ उन्हें खेल के मैदान से दूर कर दिया बल्कि जीवन के मैदान से भी हमें छीन लिया
ग्राहम थोर्प के निधन से क्रिकेट जगत में गम का माहौल है। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने उनके प्रति सम्मान और संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि ग्राहम थोर्प न केवल एक महान बल्लेबाज थे, बल्कि उन्होंने बतौर कोच भी अनमोल योगदान दिया।
क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व क्रिकेटर और साथी खिलाड़ियों ने उनके साथ बिताए वक्त और उनकी बल्लेबाजी के दौरान किए गए अद्वितीय स्किल्स की प्रशंसा की।
ग्राहम थोर्प का क्रिकेट के प्रति समर्पण और उनकी खेल भावना उन्हें हमेशा याद दिलाती रहेगी। वे भले ही इस दुनिया से चले गए, लेकिन उनके योगदान और उनकी यादें हमेशा क्रिकेट के इतिहास में अमर रहेंगी।
ग्राहम थोर्प के सांख्यिकीय आंकड़े खुद उनकी सफलता की गवाही देते हैं। उनके 100 टेस्ट मैचों में 6,744 रन, 16 शतक और 39 अर्धशतक उनके खेल के प्रति उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाते हैं। वनडे क्रिकेट में उनके 2,380 रन और 21 अर्धशतक भी कम महत्वपूर्ण नहीं हैं। यह सभी आंकड़े उनके शानदार करियर की कहानी कहते हैं।
ग्राहम थोर्प केवल एक नाम नहीं बल्कि एक प्रेरणा बन चुके हैं, जिन्हें हमेशा गर्व और आदर के साथ याद किया जाएगा। उनकी खेल भावना, उनका संयमित खेल और कोचिंग के दौरान उनका समर्पण हर क्रिकेट प्रेमी के दिल में बसा रहेगा।
अंतिम विदाई में हम उन्हें नमन करते हैं और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेनाएं प्रकट करते हैं। उन्हें क्रिकेट जगत हमेशा अपने दिलों में संजो कर रखेगा।
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