भारतीय क्रिकेट के नए मुखिया गौतम गंभीर के सामने एक अनिश्चित भविष्य की संभावना पैदा हो गई है। हाल ही में श्रीलंका और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अप्रत्याशित श्रृंखला हार ने उन पर दबाव बढ़ा दिया है। जिनकी नियुक्ति के महज तीन महीने के भीतर उनके कोचिंग पद पर सवाल उठने लगे हैं। एक दशक से अधिक समय के बाद भारत ने अपनी धरती पर न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारी है, जिससे गंभीर की रणनीति और निर्णयों पर संदेह जताया जा रहा है।
बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चयन के मामलों में गौतम गंभीर को स्वतन्त्रता प्रदान की थी। यह नियम पुस्तिका के खिलाफ एक अपवाद था। हालांकि, उनके चयन, जैसे कि हरषित राणा और नितीश रेड्डी को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टीम में शामिल करना, को अब आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। राणा को न तो श्रीलंका में सफेद गेंद के मैचों में और न ही बांग्लादेश के खिलाफ मौका दिया गया, जबकि उन्होंने असम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन किया था। दूसरी ओर, रेड्डी ने सिर्फ अपने गेंदबाजी कौशल के साथ ‘ए’ सीरीज के खेलों में भी सवाल खड़े किए हैं।
गौतम गंभीर ने अपने करियर के दौरान टेस्ट क्रिकेट में प्रत्येक सत्र के महत्व पर जोर दिया है। उनकी यह रणनीति कि मैच की हार में सिर्फ बल्लेबाजों को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, अब नजरअंदाज की जा रही है। उनका मानना है कि हर सेशन महत्वपूर्ण होता है और इसे उचित रणनीति के साथ खेलना चाहिए।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी सीरीज को गौतम गंभीर के लिए एक अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। बीसीसीआई गंभीर के चयन प्रक्रिया की पुनरिक्षा करने की सोच रहा है, और यह गंभीर के आगामी क्रिकेट चुनौतियों को चुनौतियों भरा बना सकता है। यह देखना होगा कि गंभीर कैसे टीम को आगामी कठिन परिस्थितियों से बाहर ले जाते हैं।
बीसीसीआई की इसी प्रकार की पुनरिक्षा न केवल गंभीर के चयन अधिकारों को प्रभावित कर सकती है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट टीम की खेलने की शैली को भी नया दृष्टिकोण दे सकती है। यह समय भविष्य की दिशा तय करने के लिए बिल्कुल सही है।
गंभीर को न केवल उनकी टीम के प्रदर्शन का जिक्र करना होगा, बल्कि उनको अपनी रणनीति और चयन प्रक्रिया को भी संशोधित करना होगा। यह आगामी सीरीज बड़ी चुनौतियों से भरी होगी, जिसको लेकर गंभीर को कड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में गंभीर के कोचिंग तरीकों और उनके टीम के प्रति दृष्टिकोण का परीक्षण होना अवश्यंभावी है।
गौतम गंभीर बीसीसीआई क्रिकेट कोच चयन समिति