US Federal Reserve – क्या है, कैसे काम करता है और भारत के लिए क्या मतलब?

जब हम US Federal Reserve, अमेरिका का मुख्य मौद्रिक नियामक संस्थान. Also known as फेड की बात करते हैं, तो यह समझना ज़रूरी है कि इसका हर फैसला वैश्विक बाजार को कैसे हिलाता है। फेड की नीति सीधे अमेरिकी डॉलर, दुनिया की प्रमुख आरक्षण मुद्रा की ताकत को बदलती है, जिससे भारत में ब्याज दर, उधारी की लागत को दर्शाने वाला मुख्य संकेतक पर असर पड़ता है। इसी कारण RBI, भारत का स्वतंत्र मौद्रिक प्राधिकरण अक्सर फेड की बैठकों को अपने रेपो दर के निर्णय में देखता है।

US Federal Reserve की दर‑निर्धारण प्रक्रिया तीन प्रमुख चरणों में चलती है: आर्थिक डेटा का संग्रह, नीति समिति की चर्चा, और अंत में सार्वजनिक घोषणा। जब फेड अपनी नीति दर घटाता है, तो डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राएँ, विशेषकर भारतीय रुपिया, आमतौर पर सुदृढ़ होती हैं क्योंकि निवेशक उच्च रिटर्न वाले एशियाई बाजारों की ओर आकर्षित होते हैं। इसके उलट, जब फेड दर बढ़ाता है, तो वैश्विक पूंजी उधार लेने की लागत बढ़ती है, जिससे भारतीय स्टॉक्स में नकदी बहाव कम हो जाता है और रेपो दर के स्तर को पुनः समीक्षित किया जाता है। यह सीधा‑सादा संबंध फेड – डॉलर – RBI के बीच एक स्पष्ट सेमांटिक त्रिपल बनाता है।

पिछले महीनों में फेड ने कई बार ब्याज दर में बदलाव किया है, जिससे भारत में मौद्रिक तनाव स्पष्ट दिख रहा है। उदाहरण के तौर पर, जब फेड ने 0.25% की हल्की कटौती की, तो RBI ने तुरंत रेपो दर को 5.5% पर स्थिर रखा, क्योंकि बाजार का अनुमान था कि अमेरिकी आर्थिक पुनरुद्धार धीरे‑धीरे होगा। इसी दौरान भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की प्रवाह वृद्धि देखी गई, जबकि डॉलर‑रुपिया दर में मामूली हलचल रही। इस तरह की मौद्रिक तालमेल न केवल वित्तीय संस्थानों को दिशा देता है, बल्कि छोटे निवेशकों को भी अपने पोर्टफ़ोलियो को संतुलित रखने में मदद करता है।

इन सभी गतिशीलताओं को समझने से आप अपनी आर्थिक योजनाओं को बेहतर बना सकते हैं। आगे हमारी पोस्ट्स में आप फेड की नवीनतम मीटिंग नोट्स, RBI के रेपो दर निर्णय, डॉलर‑रुपिया की टॉप‑ट्रेंड्स, और भारतीय बाजारों पर इनके प्रभाव के विस्तृत विश्लेषण पाएँगे। यह संग्रह आपको ताज़ा अपडेट और गहरी समझ दोनों देगा, जिससे आप हर कदम पर सूचित निर्णय ले सकेंगे।

क्या यूएस फेड मीटिंग में जेरोम पॉवेल अगले रेट कट की तैयारी करेंगे?
1 अगस्त 2024 Sanjana Sharma

क्या यूएस फेड मीटिंग में जेरोम पॉवेल अगले रेट कट की तैयारी करेंगे?

अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ब्याज दर को स्थिर रखने की उम्मीद में है जबकि मुद्रास्फीति बढ़ रही है। बाजार 2024 में संभावित दर कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। चेयरमैन जेरोम पॉवेल के नेतृत्व में बैठक में दर कटौती की संभावना पर चर्चा हो सकती है। सीएमई की फेडवॉच टूल के अनुसार, बुधवार की बैठक के अंत तक दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की संभावना है।

और देखें