नेतन्याहू – इज़राइल की बाहरी नीति और घरेलू राजनीति का प्रमुख चेहरा

जब हम नेतन्याहू, इज़राइल के कई बार के प्रधान मंत्री, लिकुड पार्टी के नेता, और मध्य‑पूर्व में प्रमुख राजनीतिक शख्सियत. Also known as बेंजामिन नेतन्याहू की बात करते हैं, तो उनके निर्णयों का असर सिर्फ इज़राइल तक नहीं, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिखता है। उनकी नीतियों को समझना आज की जटिल सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को पढ़ने का एक तेज़ रास्ता बन जाता है।

इज़राइल की राजनीति में लिकुड पार्टी की भूमिका

इज़राइल की लिकुड पार्टी, एक राष्ट्रीयवादी-रूढ़िवादी दल जो सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता पर फोकस करता है ने नेतन्याहू को कई बार प्रधानमंत्री बनाया है। लिकुड की नीति‑निर्धारण ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी, खासकर इज़राइल‑फिलिस्तीन संघर्ष में। नेतन्याहू का कहना है कि "सुरक्षा के बिना कोई आर्थिक विकास नहीं" – यह विचार लिकुड के विचारधारा को प्रतिबिंबित करता है। इस कारण दोनों के बीच का लिंक स्पष्ट है: नेतन्याहू लिकुड के प्लेटफ़ॉर्म से शक्ति लेता है, और लिकुड उसकी व्याख्यान से दिशा पाता है।

इज़राइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर नेतन्याहू का रुख अक्सर अंतरराष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बनता है। वह इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष, जेरुसलेम, फिलिस्तीनी क्षेत्रों और सुरक्षा दीवार से जुड़े जटिल ऐतिहासिक-राजनीतिक विवाद को "सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम" मानते हुए, रक्षा उपायों को बढ़ाते रहे हैं। उनका कहना है कि बिना मजबूत सीमा रेखा के कोई शांति नहीं हो सकती। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय संगठनों और पड़ोसी राष्ट्रों के साथ अक्सर तनाव पैदा हुआ है, लेकिन साथ ही यह दिखाता है कि किस तरह से नेतन्याहू की नीतियां क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित करती हैं।

अमेरिका-इज़राइल संबंधों में नेतन्याहू का प्रभाव उल्लेखनीय है। अमेरिका-इज़राइल संबंध, सुरक्षा, तकनीक और व्यापार के क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग के तहत दोनों देशों ने मिलकर कई रक्षा परियोजनाओं को आगे बढ़ाया है। नेतन्याहू कई बार अमेरिकी राजनेताओं के साथ मिलकर इज़राइल की रक्षा बजट को बढ़ाने की अपील कर चुके हैं, और यह सहयोग दोनों देशों की रणनीतिक स्थिरता को सुनिश्चित करता है। इस संबंध को समझना आज की भू‑राजनीतिक समीकरणों को पढ़ने में मदद करता है, क्योंकि अमेरिकी समर्थन अक्सर नेतन्याहू की घरेलू और बाहरी नीति दोनों को आकार देता है।

अंतिम कुछ वर्षों में नेतन्याहू ने कई बार चुनाव जिता है, लेकिन इनके बीच लगातार राजनीतिक अस्थिरता भी रही। इज़राइल के वोटरों की अपेक्षाएं बदलती रहती हैं, और यह नवीनीकृत लोकतांत्रिक प्रक्रिया नेतन्याहू को नई नीतियों पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। चुनावी मंच पर उन्होंने आर्थिक सुधार, हाई‑टेक स्टार्ट‑अप्स को समर्थन और ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता दी। इस तरह के परिवर्तन दर्शाते हैं कि नेतन्याहू न केवल सुरक्षा में बल्कि आर्थिक विकास में भी सक्रिय हैं, और यह विविधता उनकी नेतृत्व शैली को अधिक समग्र बनाती है।

इसी दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई घटनाएँ नेतन्याहू की नीति को चुनौती देती रही हैं—जैसे कि इज़राइल‑सीरिया तकरीबन शत्रुता, इरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम की चिंता, और मध्य‑पूर्व में यूक्रेन‑रूस के प्रभाव का विस्तार। नेतन्याहू ने कहा है कि "इज़राइल को अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए विश्व के सभी सहयोगियों की जरूरत है"—यह कथन दर्शाता है कि कैसे वह वैश्विक लक्ष्य को स्थानीय सुरक्षा के साथ जोड़ते हैं। इस संतुलन को समझना उन पाठकों के लिए जरूरी है जो इज़राइल की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा को देखना चाहते हैं।

अब आप नीचे दी गई लेखों की सूची में नेतन्याहू से जुड़े विविध पहलुओं—राजनीति, अंतरराष्ट्रीय संबंध, सुरक्षा‑नीति, और आर्थिक रणनीति—का गहरा विश्लेषण पाएँगे। चाहे आप इज़राइल के चुनाव परिणामों में रुचि रखते हों या मध्य‑पूर्व के भू‑राजनीतिक परिदृश्य को समझना चाहते हों, यहाँ की सामग्री आपके लिये एक संक्षिप्त लेकिन समग्र खाका पेश करेगी। पढ़ते रहें और देखें कि नेतन्याहू की नीतियां कैसे बदल रही हैं और उनका प्रभाव किस तरह से हमारे विश्व के विभिन्न पहलुओं को आकार देता है।

बेंजामिन नेतन्याहू को हिटलर से तुलना करते हुए महबूबा मुफ़्ती का तीखा बयान
30 सितंबर 2024 Sanjana Sharma

बेंजामिन नेतन्याहू को हिटलर से तुलना करते हुए महबूबा मुफ़्ती का तीखा बयान

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को हिटलर के बाद सबसे बड़ा आतंकवादी बताया, यह बयान फिलिस्तीन और लेबनान में उनके द्वारा की गई क्रूर कार्रवाइयों पर आया। मुफ़्ती ने नेतन्याहू के शासन की तुलना हिटलर के गैस चेंबर से की और भारत सरकार की नेतन्याहू से संबंधों की आलोचना की।

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