नवीकरणीय ऊर्जा – भारत का हरित भविष्य

जब हम नवीकरणीय ऊर्जा, प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त ऐसी शक्ति है जो बार-बार उपयोग में लाई जा सकती है, जैसे सौर, पवन, जल और बायोमास. हरित ऊर्जा के रूप में भी जानी जाती है, तो इसका मतलब है कि ये ऊर्जा ना तो जलवायु को नुकसान पहुंचाती है और ना ही जल्दी खत्म होती है। इस पेज पर हम देखेंगे कि कैसे ये ऊर्जा हमारे रोज़मर्रा के जीवन में बदलाव ला रही है और कौन‑से स्रोत सबसे तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा के प्रमुख स्रोत

पहला प्रमुख स्रोत है सौर ऊर्जा, सूर्य के प्रकाश को फोटोवोल्टाइक पैनलों या सौर थर्मल तकनीक से बिजली या गर्मी में बदलने की प्रक्रिया. इसे अक्सर सोलर पावर कहा जाता है। सौर ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा में सबसे तेज़ी से बढ़ता सेक्टर है; छोटे घरों से लेकर बड़े औद्योगिक प्लांट तक, सभी में इसका इस्तेमाल हो रहा है।सौर छतों की इंस्टॉलेशन लागत में काफी गिरावट आई है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वच्छ बिजली पहुँचना आसान हुआ है।

दूसरे नंबर पर है पवन ऊर्जा, हवा के प्रवाह से टर्बाइन घुमाकर विद्युत उत्पन्न करने की तकनीक. इसे अक्सर विंड पावर भी कहा जाता है। ऑनशोर (समुद्र के किनारे) और ऑफशोर (समुद्र में) दोनों तरह के पवन फ़ार्मों ने भारत में नई उत्पादन शक्ति जोड़ी है। पवन ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा का दूसरा स्तंभ बन चुकी है क्योंकि यह तेज़ी से स्केलेबल और लागत‑प्रभावी समाधान प्रदान करती है।

तीसरा मुख्य स्रोत है बायोमास, जैविक कचरे, कृषि अवशेषों या लकड़ी से प्राप्त ऊर्जा, जो बायोगैस या बायोहाइड्रोजन में बदला जाता है. इसे अक्सर जैविक ऊर्जा कहा जाता है। बायोमास के उपयोग से न केवल कचरा कम होता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को नई आय भी मिलती है। छोटे स्तर पर सटे हुए घरों में बायो गैस प्लांट स्थापित करके खाना पकाने और प्रकाशन दोनों के लिए साफ़ ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।

चौथा उभरता स्रोत है हाइड्रोजन ऊर्जा, इलेक्ट्रोलिसिस या बायो‑गैस रिफॉर्मिंग से निकाला गया हाइड्रोजन, जो ईंधन‑सेल या गैस टर्बाइन में उपयोग होता है. इसे अक्सर ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है क्योंकि जब इसे नवीकरणीय बिजली से उत्पन्न किया जाता है तो कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं होता। हाइड्रोजन को ऊर्जा का भंडारण माध्यम माना जाता है, जिससे सौर और पवन ऊर्जा के अति‑उत्पादन को सुरक्षित रूप से रखकर बाद में उपयोग किया जा सकता है।

इन चार स्रोतों—सौर, पवन, बायोमास और हाइड्रोजन—के बीच घनिष्ट संबंध है। नवीकरणीय ऊर्जा में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा ऊर्जा‑उत्पादन के सबसे बड़े भाग को साझा करती हैं, जबकि बायोमास और हाइड्रोजन ऊर्जा को स्टोरेज और बेस‑लोड सप्लाई के लिए पूरक बनाते हैं। इस तरह की इंटरडिपेंडेंसी से ग्रिड की स्थिरता बढ़ती है और हरित गैसों में कटौती संभव होती है।

अब आप तैयार हैं इस टैग पेज के नीचे मौजूद लेखों को पढ़ने के लिए, जहाँ हम इन स्रोतों की नवीनतम नीतियों, तकनीकी प्रगति और व्यावहारिक उपायों की गहराई में उतरेंगे। चाहे आप घर में सोलर पैनल लगाना चाहते हों या सरकारी योजनाओं के बारे में जानना चाहते हों, इस संग्रह में आपके लिए उपयुक्त जानकारी मौजूद है। आगे बढ़िए और नवीकरणीय ऊर्जा की पूरी दुनिया का अनुभव करें।

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सहज सोलर, एक नवीकरणीय ऊर्जा समाधान प्रदाता, ने अपने एसएमई आईपीओ को आज 11 जुलाई 2024 के लिए खुला कर दिया है। कंपनी का लक्ष्य 52.56 करोड़ रुपये जुटाना है। आईपीओ की समाप्ति अवधि 15 जुलाई 2024 है। इस आईपीओ के माध्यम से जुटाए गए धन का उपयोग कामकाजी पूंजी आवश्यकताओं और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

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