कूनो राष्ट्रीय उदयन की पूरी जानकारी

When working with कूनो राष्ट्रीय उदयन, छत्तीसगढ़ में स्थित प्रमुख संरक्षित क्षेत्र, जहाँ विविध जंगली प्रजातियाँ, नदियाँ और घने वन मिलते हैं. Also known as कूनो वन्य अभयारण्य, it स्थानीय जैव विविधता को संरक्षित करने और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह उदयन १४८ वर्ग किलोमीटर में फैला है और ७० से अधिक पक्षी, २१ प्रजाति के स्तनधारियों तथा अनेक साप‑प्रजातियों का घर है।

एक प्रमुख वन्यजीव संरक्षण, जंगली प्रजातियों की सुरक्षा के लिए लागू किए गये नियम और प्रबंधन उपाय के तहत यहाँ नियमित निगरानी, प्रजनन कार्यक्रम और आवास पुनर्स्थापन परियोजनाएँ चलती हैं। उदाहरण के तौर पर, बाघ और तेंदुए की आबादी पिछले पाँच वर्षों में सुरक्षित प्रजनन और शिकार प्रतिबंध से १५% तक बढ़ी है। इन प्रयासों का सीधा प्रभाव स्थानीय समुदाय की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है, क्योंकि कई लोग गाइड, होटल और हस्तशिल्प व्यवसाय में जुड़ रहे हैं।

पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु उदयन ने पर्यटन, प्राकृतिक स्थल का व्यवस्थित दर्शन, भ्रमण मार्ग और साहसिक गतिविधियाँ के लिए सुलभ सैर‑मार्ग, झील‑भ्रमण और वन्यजीव सफारी स्थापित की हैं। पर्यटक अब सुबह‑शाम के गाइडेड ट्रेल पर ट्री‑टॉप ट्रैक या बोट‑राइड का आनंद ले सकते हैं, जिससे वन्यजीवों के प्राकृतिक व्यवहार को देखना सुरक्षित रहता है। साथ ही, सूचना केंद्र में विज्ञान‑शिक्षा शिल्पशाला चलती है जहाँ स्कूल‑बच्चे और युवा वर्ग संरक्षण के महत्व को समझते हैं।

उदयन की पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए विभिन्न शोध संस्थानों ने यहाँ जलवायु परिवर्तन, इनवेसिव प्रजातियों और जैव‑भू-रसायन विज्ञान पर शोध कार्य शुरू किए हैं। ये डेटा राष्ट्रीय स्तर पर नीति‑निर्माताओं को सतत विकास योजना बनाने में मददगार होते हैं। इस प्रकार कूनो राष्ट्रीय उदयन सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान, सामुदायिक सहभागीता और राष्ट्रीय संरक्षण रणनीति का एकत्रीकरण बिंदु बन गया है।

आगे आप इस पेज पर मिलने वाले लेखों में उदयन के नवीनतम खबरें, वन्यजीव अवलोकन, पर्यटक टिप्स और स्थानीय संस्कृति की झलक देखेंगे। चाहे आप फिरना चाहते हों, सीखना चाहते हों या सिर्फ प्रेरणा की तलाश में हों, नीचे की सूची आपके लिए उपयोगी सामग्री लाएगी।

प्रोजेक्ट चीटा: केन्या से नई शेरभेड़ें, भारत में 2025‑2026 तक के बैच की संभावनाएं
27 सितंबर 2025 Sanjana Sharma

प्रोजेक्ट चीटा: केन्या से नई शेरभेड़ें, भारत में 2025‑2026 तक के बैच की संभावनाएं

भारत का प्रोजेक्ट चीटा केन्या से नई शेरभेड़ें लाने की तैयारी कर रहा है। अभी नामिबिया और दक्षिण अफ्रीका के पश्‍चात 8‑10 शेरभेड़ों के समूह केन्या, बोत्सवाना और नामिबिया से आने की संभावना है। लक्ष्य 2025 के अंत तक पहला बैच पहुँचाना, जबकि केन्या से आने वाला बैच 2026 में आ सकता है। इस पहल में कई चुनौतियों के बावजूद जनसंख्या पुनर्स्थापन पर जोर दिया गया है।

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