हमास – क्या है, कैसे काम करता है और आज की स्थिति
जब हम हमास, एक फ़िलिस्तीनी इस्लामिक समूह है जो राजनीतिक भागीदार और सशस्त्र संघर्ष दोनों में सक्रिय है. Also known as हमीस, it फिलिस्तीन के गाज़ा क्षेत्र में शासन करता है और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिये कई तरीकों का इस्तेमाल करता है। इस टैग पेज पर आपको इस संगठन के विभिन्न पहलुओं की सिधी, आसान जानकारी मिलेगी, जिससे आप सन्दर्भ को जल्दी समझ सकेंगे।
एक प्रमुख इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष, 1948 से चल रहा एक जटिल भू‑राजनीतिक टकराव है जिसमें सीमाओं, सुरक्षा और स्वायत्तता के प्रश्न शामिल हैं में हमास की भूमिका अनदेखी नहीं की जा सकती। यह समूह गाज़ा पट्टी में शासन करता है, इसलिए गाज़ा पट्टी, मैदीनी समुद्र के किनारे स्थित एक छोटा लेकिन जनसंख्या‑घना क्षेत्र है को अपनी राजनीतिक और सैन्य गतिविधियों का मुख्य मंच बनाता है। गाज़ा की सीमित आर्थिक स्थितियों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण, दायरे में दोनों पक्षों की मानवीय कठिनाइयाँ बढ़ती हैं।
हमास के प्रमुख पहलू
हमास को समझने के लिये उसके दो प्रमुख शाखाओं को देखना ज़रूरी है – राजनीतिक शाखा और सैन्य शाखा। राजनीतिक शाखा में पार्टी की ऐतिहासिक नींव, चुनावी भागीदारी और सामाजिक सेवाएँ शामिल हैं, जैसे कि अस्पताल, स्कूल और सामाजिक सहायता कार्यक्रम। इन गतिविधियों से वह स्थानीय लोगों का समर्थन जीतता है। दूसरी ओर, सैन्य शाखा, जिसे अक्सर "इज़्स अल‑दीन अली बिन इकबाल ब्रिगेड" कहा जाता है, लक्ष्य वाले हमलों और रॉकेट फायरिंग में सक्रिय रहती है। इस दोहरी रणनीति का मतलब है कि हमास केवल एक सशस्त्र समूह नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक‑राजनीतिक संस्था भी है।
भले ही कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने हमास को आतंकवादी समूह घोषित किया है, फिर भी कई अरब देश और कुछ मध्य‑पूर्वी सरकारें उसे एक वैध राजनैतिक दल मानती हैं। इस कारण अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी स्थिति लगातार बदलती रहती है। इस टकराव में अमेरिका, एक प्रमुख वैश्विक शक्ति है जो अक्सर इज़राइल को समर्थन देती है और हमास पर प्रतिबंध लागू करती है की नीति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इन बड़े खिलाड़ियों के निर्णयों से क्षेत्र में स्थिरता या अस्थिरता में त्वरित बदलाव आ सकते हैं।
हमास की आर्थिक व्यवस्था भी समझनी जरूरी है। समूह की आय मुख्यतः दान, गैज़रियन टैक्स, और कुछ सीमा‑पार व्यापार से आती है। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय NGO और कुछ खाड़ी देश भी एम्बेड़ेड फंडिंग के माध्यम से मदद करते हैं। वित्तीय स्रोतों की विविधता उसे लंबे समय तक संचालन में मदद करती है, भले ही उसे कई आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़े।
समाज में उसकी लोकप्रियता अक्सर स्थानीय लोगों की जरूरतों के आधार पर बदलती रहती है। जब जल, बिजली और स्वास्थ्य सेवाएँ गिरती हैं, तब हमास की राहत कार्यवाही उसे लोकप्रिय बनाती है। लेकिन जब बड़ी सैन्य कार्रवाइयों से नागरिकों को नुकसान पहुँचता है, तो विरोध भी बढ़ता है। इस उलट‑फेर के कारण उसका सार्वजनिक समर्थन उतार‑चढ़ाव करता रहता है, जो सटीक समझ के लिये चाहिए।
हमास का अंतरराष्ट्रीय संबंध जटिल है। इरान जैसे देशों से मिलते सैनीक सहयोग, जबकि कुछ पश्चिमी देशों से कूटनीतिक दूरी बनी रहती है। यह गठबंधन उसे तकनीकी, प्रशिक्षण और हथियारों की उपलब्धता देता है, लेकिन साथ में प्रतिबंधों और कूटनीतिक चुनौतियों को भी बढ़ाता है। इस दोधारी तलवार की तरह, विदेशी सहयोग उसके ताकत और कमजोरी दोनों को आकार देता है।
भविष्य की दिशा कई कारकों पर निर्भर करेगी – जैसे कि शांति वार्ता की संभावनाएँ, अंतरराष्ट्रीय दवाब, और गाज़ा में मानवीय स्थितियों में सुधार। यदि संवाद की राह खुलती है तो हमास की भूमिका राजनीतिक मंच पर अधिक शान्ति‑परक बन सकती है। अन्यथा, सशस्त्र संघर्ष आगे बढ़ता रहेगा, जिससे अस्थायी जीत या नुकसान दोनों ही संभव हैं।
नीचे आप इस टैग से जुड़ी ताज़ा ख़बरों की सूची पाएँगे, जहाँ हमास के विभिन्न पहलुओं, उसकी गतिशीलताओं और नई घटनाओं का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इन लेखों को पढ़कर आप वर्तमान परिस्थितियों और आगे की संभावनाओं को बेहतर समझ पाएँगे।
हमास के प्रमुख यह्या सिनवार की मौत की संभावना: इजराइली हवाई हमले के बाद डीएनए परीक्षण से पुष्टि की कोशिश
इजराइली रक्षा बलों को संदेह है कि गाजा पट्टी में एक हवाई हमले में हमास प्रमुख यह्या सिनवार मारे गए हैं। इस खबर की पुष्टि के लिए डीएनए परीक्षण किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह्या सिनवार वही थे जिन्होंने 7 अक्टूबर के हमलों का आदेश दिया था, जिनमें 1,200 इजरायली मारे गए थे। अगर यह सही साबित होता है, तो यह इजराइल के लिए एक बड़ी सैन्य सफलता हो सकती है।
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