आरबीआई – आर्थिक बातों की पूरी जानकारी

जब हम आरबीआई का उल्लेख करते हैं, तो समझें कि यह भारत का केंद्रीय बैंक है, जो मुद्रा नीति, वित्तीय स्थिरता और बैंकिंग प्रणाली की देखरेख करता है। इसे अक्सर Reserve Bank of India कहा जाता है। इसी संस्थान का कार्य रेपो दर निर्धारित करना है, जो ब्याज दर का प्रमुख संकेतक है और मौद्रिक नीति के उपकरणों में से एक है। मौद्रिक नीति के तहत आरबीआई पैसे की आपूर्ति, महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास को संतुलित करता है।

आरबीआई की हर निर्णय का असर रोज़मर्रा के बजट, बचत दर और निवेश निर्णयों तक पहुँचता है। उदाहरण के तौर पर, जब रेपो दर को 5.5% पर स्थिर रखा जाता है, तो यह दर्शाता है कि केंद्रीय बैंक महंगाई को 3% के आसपास रखे रखने में संतुष्ट है, जबकि जीडीपी की वृद्धि 6.5% की अनुमानित है। ऐसी नीतियों का सीधा संबंध विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन और गवर्नर की सार्वजनिक टिप्पणी से भी जुड़ा होता है। आरबीआई गवर्नर आर्थिक डेटा का विश्लेषण करके नीति समिति को सुझाव देते हैं, जिससे बाजार में अपेक्षित दिशा बनती है। इस प्रकार, "आरबीआई मौद्रिक नीति बनाता है", "मौद्रिक नीति रेपो दर को निर्धारित करती है", और "रेपो दर महंगाई को प्रभावित करती है" – ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं।

आज की प्रमुख आरबीआई खबरें

अक्टूबर 2025 की बैठक में आरबीआई ने रेपो दर 5.5% पर स्थिर रखी, अमेरिकी टैरिफ और नई जीएसटी सुधार ने इस निर्णय को प्रभावित किया। इसी दौरान बताई गई महंगाई 3.1% के आसपास रहने की संभावना, उपभोक्ता कीमतों में स्थिरता की उम्मीद जगाती है। आगे के महीनों में नीति समिति के पुनः मूल्यांकन से बाजार में उछाल या गिरावट दोनों संभावनाएँ बन सकती हैं। इन अपडेट्स को समझना निवेशकों, व्यापारियों और सामान्य दर्शकों के लिए जरूरी है, क्योंकि ये ही आर्थिक दिशा तय करते हैं। नीचे दी गई सूची में आप देखेंगे कि विभिन्न लेखों में आरबीआई की कौन‑कौन सी पहलुओं पर चर्चा हुई है, जैसे कि सरकारी बॉन्ड, विदेशी निवेश और वित्तीय नियमन।

अब आगे के पोस्ट्स में आप इन विषयों की विस्तृत चर्चा पढ़ सकते हैं और समझ सकते हैं कि कैसे प्रत्येक निर्णय आपके वित्तीय फैसलों को आकार देता है।

प्रधानमंत्री मोदी के लिए शक्ति से भरी नई भूमिका में शशिकांत दास
6 मार्च 2025 Sanjana Sharma

प्रधानमंत्री मोदी के लिए शक्ति से भरी नई भूमिका में शशिकांत दास

पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री मोदी के लिए दूसरा प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। यह कदम मोदी के आर्थिक विज़न और $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की दिशा में दास के व्यापक अनुभव को उपयोग में लाने हेतु किया गया है। दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ ही समाप्त होगी।

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