इन सभी घटकों—इलेक्ट्रिक स्कूटर, बैटरी तकनीक और चार्जिंग स्टेशन—के बीच गहरा संबंध है। Ola Electric का मॉडल कहता है कि बेहतर बैटरी = तेज़ रेंज, और तेज़ रेंज = अधिक चार्जिंग स्टेशनों की जरूरत। इसलिए कंपनी ने एक एन्ड‑टू‑एन्ड इकोसिस्टम बनाने का लक्ष्य रखा है, जहाँ वाहन का निर्माण, बैटरी का उत्पादन और चार्जिंग सुविधा एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर नियंत्रित हो। यही एंटिटी‑रिलेशनशिप हमें दिखाती है कि हर नया स्कूटर मॉडल कैसे मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपडेट करता है, और नई बैटरियाँ कैसे चार्जिंग नेटवर्क की लोड को कम करती हैं। अब जब आप नीचे की सूची में देखेंगे, तो इन बातों को याद रखें—हर लेख इस बड़े परिप्रेक्ष्य का एक टुकड़ा है, जो आपको Ola Electric के भविष्य के बारे में विस्तृत समझ देगा।
Ola Electric: Gen 3 के साथ शेयर्स में उछाल, ईवी मार्केट में नई चुनौतियों का सामना
ओला इलेक्ट्रिक के शेयर्स में 14% की वृद्धि देखने को मिली, जो उनके मार्केट शेयर में बढ़ोतरी और जनरेशन 3 इलेक्ट्रिक स्कूटर की लॉन्चिंग का परिणाम है। ओला का मार्केट शेयर दिसंबर की तुलना में जनवरी तक 30% तक पहुंच गया। भारीश अग्रवाल के अनुसार, नए टेक्नोलॉजी की वजह से लागत में कटौती संभव होगी। हालांकि, एचएसबीसी ने ओला इलेक्ट्रिक की रेटिंग घटा दी है।
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