खाद्य सुरक्षा: आपके घर की टेबल से लेकर बाजार तक की सच्चाई
जब आप किसी चीज़ को खाते हैं, तो आप उसकी खाद्य सुरक्षा, जिससे खाने की सामग्री बीमारी न फैले और शरीर को नुकसान न पहुँचे. इसे अक्सर खाद्य सुरक्षा नियम भी कहते हैं, जो बस एक नियम नहीं, बल्कि आपकी जान की रक्षा करने वाली ज़िम्मेदारी है। आजकल हर दुकान, हर ऑनलाइन ऑर्डर, हर बाजार का दूध या स्नैक्स — सबके पीछे एक सवाल होता है: ये सुरक्षित है?
इसका जवाब देते हैं FSSAI, भारत का खाद्य सुरक्षा और मानक नियामक निकाय, जो दूध के डिब्बे से लेकर फ्रिज में पड़े दही तक की जांच करता है। लेकिन ये सिर्फ़ FSSAI का काम नहीं। आपकी रसोई, आपका बाजार का चुनाव, आपकी खरीदारी की आदतें — सब इसी खाद्य सुरक्षा के हिस्से हैं। जब कोई फूड ब्रांड अपने पैकेट पर बैक्टीरिया का नाम नहीं लिखता, या कोई गली का व्यंजन दिन में तीन बार गर्म किया जाता है, तो ये खाद्य दूषण का नाम है। और ये दूषण बस एक छोटी बीमारी नहीं, बल्कि लंबे समय तक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है।
अगर आप देखें, तो आपके आसपास के ज़्यादातर खबरें इसी से जुड़ी हैं — क्या कोई ब्रांड ने रसायन मिलाया? क्या किसी स्कूल के कैंटीन में खराब तेल इस्तेमाल हुआ? क्या एक फूड डिलीवरी ऐप ने बिना लाइसेंस के खाना भेजा? ये सब खाद्य सुरक्षा के टुकड़े हैं। और जब आप खाना खरीदते हैं, तो आपको बस दाम नहीं, बल्कि बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट और FSSAI लोगो भी देखना चाहिए। ये जांच करना आपका अधिकार है।
खाद्य सुरक्षा का मतलब सिर्फ़ बड़े ब्रांड्स या सरकारी नियम नहीं है। ये आपकी रसोई की सफाई, आपके बच्चे के बिस्कुट की ताज़गी, आपके घर के बर्तनों की धुलाई भी है। एक छोटी गलती — जैसे चावल बिना धोए रखना — भी आज बीमारी का कारण बन सकता है।
यहाँ आपको वो सभी खबरें मिलेंगी जो खाद्य सुरक्षा के असली तरीके बताती हैं — कौन सा खाना खराब हो रहा है, किसकी जांच हुई, किसके खिलाफ़ कार्रवाई हुई, और आप अपने घर में क्या बदलाव ला सकते हैं। ये सिर्फ़ खबरें नहीं, ये आपकी रोज़ की जिंदगी की रक्षा के लिए एक गाइड हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा नई खाद्य सुरक्षा नीतियाँ लागू
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नई नीतियाँ लागू की हैं। इन नीतियों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य सामग्री प्रदान करना है। नई नीतियों में खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता और मानकों को सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।
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