अंबेडकर कमिटी – क्या है इसका महत्व?

जब हम अंबेडकर कमिटी, भारत में सामाजिक समानता और आरक्षण नीति तय करने वाली समिति, अंबेडकर आयोग की बात करते हैं, तो उसका मूल उद्देश्य समझना जरूरी है। यह समिति 1985 में गठित हुई थी ताकि सामाजिक‑आर्थिक पिछड़ापन को पहचान कर आरक्षण‑आधारित समाधान प्रस्तुत किया जा सके। उसी समय अंबेडकर कमिटी रिपोर्ट, समाज के विभिन्न वर्गों में समानता लाने के लिए सिफ़ारिशें भी तैयार हुई, जिसने बाद में कई नीतियों को आकार दिया। इसके अलावा समानता आयोग, भेदभाव विरोधी संस्था जो अंबेडकर कमिटी के सुझावों को लागू करती है भी इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाती है। इन तीनों संस्थाओं के बीच का तालमेल यह दर्शाता है कि आरक्षण नीति सिर्फ एक संख्यात्मक लक्ष्य नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम है।

कमिटी ने मुख्य रूप से चार प्रमुख क्षेत्रों को छुआ: शिक्षा में आरक्षण, सार्वजनिक रोजगार, संसद में प्रतिनिधित्व और स्थानीय निकायों में सीटें। इन क्षेत्रों को नियोजित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सुरक्षित किया गया। यही कारण है कि संविधान संशोधन, 1976 का शर्तिया आरक्षण संशोधन और 1990 का व्यापक विस्तार अंबेडकर कमिटी की सिफ़ारिशों पर आधारित था। इस प्रकार, "अंबेडकर कमिटी" → "आरक्षण नीति" का संबंध स्पष्ट हो जाता है, जबकि "आरक्षण नीति" → "समानता आयोग" के कार्यों को सशक्त बनाता है।

आज की बात करें तो अंबेडकर कमिटी के निष्कर्षों को लेकर कई बहसें चल रही हैं। कुछ लोग कहते हैं कि अब समय आ गया है कि आरक्षण को आर्थिक आधार पर ही फिर से देखा जाए, जबकि दूसरों का मानना है कि सामाजिक पिछड़ापन को खत्म करने में अभी भी बहुत काम बाकी है। इन बहसों का मूल बिंदु यही है कि अंबेडकर कमिटी ने जो ढांचा तैयार किया था, वह हर नई सामाजिक चुनौती के लिए लचीला होना चाहिए। इसी कारण हम यहाँ कई लेख, विश्लेषण और केस स्टडीज़ एकत्रित किए हैं जो आपको इस विषय की गहरी समझ देंगे। नीचे आप देखेंगे कि विभिन्न पक्ष कैसे अंबेडकर कमिटी के कार्य, उसकी रिपोर्ट और उसके बाद के कानूनी बदलावों को देख रहे हैं, और ये सब आपके दैनिक ज्ञान में कैसे फिट होते हैं।

जोराई गाँव में अंबेडकर कमिटी की कूड़ी‑कबड्डी प्रतियोगिता: ग्रामीण खेल प्रेमियों का नया मंच
26 सितंबर 2025 Sanjana Sharma

जोराई गाँव में अंबेडकर कमिटी की कूड़ी‑कबड्डी प्रतियोगिता: ग्रामीण खेल प्रेमियों का नया मंच

उत्तरी पंजाब के जॉराई गांव में अंबेडकर कमिटी ने कूड़ी‑कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस इवेंट में स्थानीय युवा टीमों ने भाग लेकर पारंपरिक कबड्डी को नया मोड़ दिया। प्रतियोगिता के नियम, प्रतिभागी और आगामी कबड्डी कैलेंडर की जानकारी इस लेख में दी गई है।

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